जुआ खेलने की शिकायत करने पर आगरा में अधिवक्ता की गाड़ी में लगा दी आग
शाहगंज के प्रकाश नगर की घटना आधी रात को घर के बाहर खड़े स्कूटर काे जलाया। पेट्रोल डालकर आग लगाते सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ युवक। अधिवक्ता और उसके परिवार पर एक महीने से लगातार हो रहे हैं हमले।
आगरा, जागरण संवाददाता। शाहगंंज के प्रकाश नगर में जुए की शिकायत करना अधिवक्ता को महंगा पड़ा। पुलिस के जुआ बंद कराने से बस्ती के कुछ लोगों ने अधिवक्ता से रंजिश मान ली। लगातार एक महीने से उसे और परिवार के लोगों से मारपीट कर रहे थे। लगातार धमकी दे रहे थे।सोमवार की आधी रात को उनकी घर के बाहर खड़े स्कूटर पर पेट्रोल डालकर अाग लगा दी। घटना को अंजाम देने वाला आरोपित घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
प्रकाश नगर निवासी अधिवक्ता नंद किशोर ने 11 नवंबर को बस्ती के अनिल उर्फ बिल्लू, अमित, अजय उर्फ छोटू, गोरखा, जीतू और देवी सिंह के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कराया था। नंद किशोर का आरोप है कि आरोपित बस्ती में जुआ और सट्टा कराते थे। उसने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी। पुलिस कार्रवाई से आरोपित उससे रंजिश मानने लगे। आरोपितों ने तमंचो से लैस होकर 14 अक्टूबर को घुसकर उनसे और पत्नी से मारपीट की। पुलिस में शिकायत के बाद भी उसने आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की। दहशत के चलते वह पत्नी को लेकर अपनी ससुराल फीरोजाबाद चले गए। इसके बावजूद 18 अक्टूबर को आरोपितों ने दोबारा घर में घर पर आकर परिवार के लोगों से मारपीट की।
नंद किशोर ने बताया वह फीरोजाबाद से ही रोज आना-जाना कर रहे थे। दीपावली से पहले वह नौ नवंबर को पत्नी समेत प्रकाश नगर अपने घर पर लौट आए। इस पर आरोपितों ने 11 नवंबर को उनके घर पर दोबारा हमला बोल दिया। घर में घुसकर उनसे मारपीट कर दी। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोपित लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे। साेमवार की रात को उनका स्कूटर घर के बाहर खड़ा हुआ था। उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। उसमें हुए जाेरदार धमाके से उनकी और परिवार के लोगों को आंख खुली। एक्टिवा पूरी तरह से जलकर खाक हो चुका था। सीओ लोहामंडी रितेश कुमार ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है।
..तो हो सकता था बड़ा हादसा
युवक ने घर के बाहर खड़े स्कूटर में जिस समय आग लगाई। उससे विकराल लपटें निकलने लगीं। इससे पेट्रोल टंकी में विस्फोट होने से लपटें आसपास के घरों तक पहुंच गईं थीं। यदि किसी मकान की खिड़़की या दरवाजे ने अाग पकड़ ली होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। आधी रात को घर के अंदर सो रहा परिवार आग में फंस सकता था।