आगरा में लुटेरी दुल्हन ने बुजुर्ग व्यापारी के साथ पहले बनाए वीडियो, फिर गला दबाकर कर दी हत्या
लुटेरी कातिल दुल्हन के मोबाइल से पुलिस को मिलेे हैं कुछ वीडियो। मोबाइल को फाेरेंसिक वैज्ञानिकों के पास भेजा। सीडी बनाकर केस डायरी में साक्ष्य के रूप में करेगी शामिल। आरोपितों को सजा दिलाने में काम आएंगे डिजीटल साक्ष्य। चार वांछितों की तलाश में फीरोजाबाद और एटा में दबिश।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के एक अपार्टमेंट में व्यापारी की हत्या से करने से पहले लुटेरी दुल्हन ने उसके साथ अपने मोबाइल से कुछ वीडियो भी बनाए थे। इससे कि व्यापारी के सामने यह साबित किया जा सके कि वह उसकी पत्नी बनकर रहना चाहती है आशंका है कि लुटेरी दुल्हन और उसके साथियों की याेजना पहले व्यापारी को ब्लैकमेल करने की रही होगी। मगर, व्यापारी के दबाव में न आने पर उन्होंने उसकी हत्या कर दी। तिजोरी में रखे नकदी-जेवरात लूटकर ले गए। पुलिस को मृतका के पास से मिले मोबाइल से हत्याकांड से जुड़े अहम वीडियो मिले हैं। जो पुलिस के लिए इस मुकदमे में मजबूत साक्ष्य बनेंगे। पुलिस ने मोबाइल को फाेरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजा है।
फ्रीगंज के तिरंगा अपार्टमेंट में 12 अप्रैल की रात को आढ़़त का व्यापार करने वाले किशन गोपाल अग्रवाल 67 वर्ष की हत्या कर दी गई थी। बिना नंबर की कार से आई महिला और उसके तीन साथी फ्लैट में रखी तिजोरी से नकदी-जेवरात लूटकर ले गए थे। शनिवार केा हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए आरोपित महिला नीलम यादव निवासी थाना एका, फीरोजाबाद और यज्ञपाल सिंह निवासी एटा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। हत्याकांड के पीछे लुटेरी दुल्हन का निकला था। व्यापारी को शातिरों ने नीलम से शादी कराने का लालच देकर अपने जाल में फांसा था।
इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि आरोपित नीलम के मोबाइल में हत्याकांड के अहम साक्ष्य पुलिस काे मिले हैं। पुलिस अपनी केस डायरी में इन साक्ष्यों को शामिल करेगी। मोबाइल को पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजा है। इससे कि इन वीडियो की सीडी बनाई जा सके। हत्याकांड में वांछित विजय उर्फ करुआ निवासी एका फीरोजाबाद ओर अवधेश, सचिन व बंटी निवासी एटा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
आरोपितों पर कसेगा डिजिटल साक्ष्यों का फंदा
पुलिस ने इन वीडियो को फोरेंसिक वैज्ञानिकों के पास भेजा है। इससे कि उसकी सीडी तैयार की जा सके। इसे वह केस डायरी में शामिल करेगी। जिससे कि अदालत में आरोपितों के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करके उन्हें सजा दिलाई जा सके।