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ओमिक्रोन में 50 तरह के म्यूटेशन, पर घबराएं नहीं, खुद को बचाएं

दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में गुरुवार को एसएन मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अंकुर गोयल ने कोरोना के नए वैरिएंट से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:12 PM (IST)
ओमिक्रोन में 50 तरह के म्यूटेशन, पर घबराएं नहीं, खुद को बचाएं
ओमिक्रोन में 50 तरह के म्यूटेशन, पर घबराएं नहीं, खुद को बचाएं

आगरा, जागरण संवाददाता । डेल्टा, कप्पा और दक्षिण अफ्रीकी के बाद कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन अब तेजी से फैल रहा है। ओमिक्रोन में 50 तरह के म्यूटेशन हुए हैं। इसलिए अधिक संक्रामक है। घातक कितना है, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ओमिक्रोन से घबराएं नहीं। खुद को बचाने के लिए मास्क पहनें, वैक्सीन लगवाएं और भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में गुरुवार को एसएन मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अंकुर गोयल ने कोरोना के नए वैरिएंट से जुड़े सवालों के जवाब दिए। सवाल : कोरोना वायरस में म्यूटेशन क्यों हो रहे हैं, क्या हर बार यह ज्यादा घातक हो रहा है?

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-सौरभ सिंह, अमित कांत वर्मा, प्रताप सिंह

जवाब : कोरोना वायरस एसेल्युलर है, इसमें कोई सेल नहीं है। यह आरएनए वायरस है, इस तरह के वायरस में तेजी से बदलाव होते हैं। कई बार ज्यादा म्यूटेशन होने के बाद वायरस की घातकता कम हो जाती है। इस वायरस के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। सवाल : ओमिक्रोन के लक्षण और इलाज क्या हैं?

-राधेश्याम शर्मा, अंकित सिंह

जवाब : ओमिक्रोन का पहला केस 23 नवंबर को मिला था, अभी लक्षण स्पष्ट नहीं हुए हैं। मगर, इसमें भी डेल्टा वैरिएंट की तरह बिना लक्षण के मरीज मिल रहे हैं। कोरोना वायरस के लिए कोई एंटी वायरल नहीं है, ऐसे में लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है। सवाल : वैक्सीन लग चुकी है तो क्या संक्रमण का खतरा नहीं है? -अनीता शर्मा, रूप किशोर, राहुल ओझा

जवाब : वैक्सीन लगने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और संक्रमित होने पर जान बच सकती है। वैक्सीन लग चुकी है तो ऐसा नहीं है कि संक्रमित नहीं हो सकते। मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है। सवाल : कोरोना के किस वैरिएंट से संक्रमित हुए हैं, यह कैसे पता चलता है?

-ललित मोहन, विवेक शर्मा

जवाब : कोरोना का वैरिएंट पता करने के लिए जीनोम सिक्वेंसिग कराई जाती है। यह उत्तर प्रदेश में केजीएमयू, लखनऊ में ही हो रही है। कुछ और मेडिकल कालेजों में यह सुविधा शुरू होनी है। सवाल : कोरोना के नए वैरिएंट से किन लोगों को ज्यादा खतरा है?

- हरेंद्र सिंह, अंकुर गुप्ता

जवाब : जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। इसके अलावा बुजुर्गों के साथ ही बच्चों को भी खतरा है। बच्चों को खतरा इसलिए है, चूंकि उनके वैक्सीन नहीं लगी है। बचाव के उपाय जरूरी

ओमिक्रोन कोरोना वायरस का नया वैरिएंट है। यह भी संक्रमित मरीज के मुंह और नाक से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि ट्रिपर लेयर मास्क का इस्तेमाल करें। शारीरिक दूरी का पालन करें, भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें। हाथों को सैनेटाइज करते रहें। ओमिक्रोन में म्यूटेशन

अभी तक की जांच में ओमिक्रोन में 50 तरह के म्यूटेशन देखने को मिले हैं। इनमें 30 म्यूटेशन तो स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं, इसलिए यह तेजी से फैल रहा है। 29 देशों में इसके केस मिल चुके हैं। प्रोफाइल

एमबीबीएस - 1997 केजीएमसी, लखनऊ

एमडी - 2004 एसजीपीजीआइ, लखनऊ

पीडीसीसी संक्रामक रोग -2007 एसजीपीजीआइ, लखनऊ

डा. अंकुर गोयल, अध्यक्ष, माइक्रोबायोलाजी विभाग, एसएन मेडिकल कालेज


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