CoronaVirus: कोरोना से जंग में छूटा अपनों का साथ, बगल से निकल गई मौत
CoronaVirus कोरोना की दूसरी लहर में 250 मरीजों की मौत। कई परिवारों में दो से तीन सदस्यों की थमी सांस। 255 संक्रमितों का चल रहा इलाज जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीज। एक अप्रैल से कोरोना के केस तेजी से बढे 30 अप्रैल तक कोरोना पीक पर पहुंच गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर ने 60 दिनों तक कहर बरपाया। जिंदगी और मौत से जंग में अपनों का साथ छूटा तो कई परिवारों पर दुखों का पहाड टूटा। अपनों के खोने के गम में चीख थम गईं लेकिन आंसु अनवरत बहते रहे। एक परिवार में तो पति के साथ बेटी और उसके बाद बेटे की सांस थम गईं। अस्पताल से ही सीधे श्मशान घाट शव पहुंचा और अंतिम संस्कार हो गया। वहीं, जिन मरीजों के बगल से मौत निकल आईं, उनके स्वजन की धडकनें बढी रहीं।
एक अप्रैल से कोरोना के केस तेजी से बढे, 30 अप्रैल तक कोरोना पीक पर पहुंच गया। एक दिन में 900 नए केस और 10 से 15 मौतें। एंबुलेंस के साइरन को सुन लोग सहम जाते। फोन घनघनाने पर किसी की मौत, तो किसी की हालत गंभीर है, यही सुनने को मिलता था। वक्त बुरा था और हालात उससे भी ज्यादा खराब। हास्पिटल में बेड नहीं, आक्सीजन की कमी और मरीजों की उखडती सांस कब थम जाए इसका डर। डाक्टरों के लिए जान बचाना चुनौती और बेड और आक्सीज का प्रबंधन मुश्किल लक्ष्य। धीरे धीरे हालात में सुधार हुआ, मदद को लोग आगे आए। खाना पहुंचाता, आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए। हास्पिटल में बेडों की संख्या बढी। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर में 250 मरीजों की सांसें थम गईं, करीब तीन हजार मरीजों के बगल से मौत निकल गई। 25 से 45 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद अपने घर पहुंच गए। मगर, अभी भी 90 मरीज अस्पतालों में जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं।
14588 मरीजों ने दी कोरोना को मात
एक अप्रैल से छह जून तक कोरोना के 14965 नए मरीज मिले। एक ही परिवार में तीन से चार लोग संक्रमित हो गए। 85 फीसद मरीजों में सामान्य लक्षण आए। कोरोना की दूसरी लहर में 14588 मरीज ठीक हो गए।
एक अप्रैल से छह जून तक कोरोना के नए केस और मौतें
कोरोना के नए केस 14965
कोरोना संक्रमितों की मौत 250
कोरोना को दी मात 14588