Road Accident in Agra: आगरा की खूनी सड़कें, ले चुकी हैं चार वर्षाें में 2236 की जान
Road Accident in Agra किसी घर का बुझ रहा चिराग तो किसी के बच्चे हुए अनाथ। हादसों का शिकार हुए कई लोग अपाहिज की जिंदगी जीने को मजबूर। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक जिले में 45 ब्लैक स्पाट हैं। इनमें से सर्वाधिक हादसे वाले स्पाट भी चिह्नित हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। बेशक सड़कें विकास की राह दिखाती हैं। गांवों को शहरों से जोड़ती हैं और शहरों को राज्यों से। मगर, दूसरा पहलू यह भी है कि इन्हीं सड़कों पर लोगों की जिंदगी का अंत हो रहा है। हर वर्ष इन सड़कों पर होने वाले हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। कहीं खराब रोड इंजीनियरिंग तो कहीं नियमों की अनदेखी हादसों का कारण बनती है। हादसों में जान गंवाने या घायल होने वालों का पूरा परिवार झेल जाता है। सड़क हादसों में चार वर्ष में हुई 2236 मौतें हकीकत बयां कर रही हैं। इन परिवारों को कभी न भुलाने वाला दर्द इन सड़कों पर ही मिला है।
यातायात माह में हर वर्ष जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। स्कूल- कालेज में छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया जाता है और स्कूल बस चालकों को भी नियम सिखाए जाते हैं। मगर, नतीजा सिफर है। यमुना एक्सप्रेस वे और लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भी हादसों के साथ-साथ मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। यहां रफ्तार का रोमांच जानलेवा हो रहा है। अधिकांश हादसे ओवरस्पीडिंग के कारण होते हैं। सर्दियों में कोहरे के कारण भी बड़ी संख्या में हादसे होते हैं। यातायात नियमों की अनदेखी भी हादसों का कारण बनती है। चार वर्ष में जिले में 4223 सड़क हादसे हुए। इनमें 2236 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 3281 लोग घायल हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग अपाहिज हो गए। किसी के पैर काटने पड़े तो कोई हमेशा के लिए कोमा में चला गया। यह आंकड़ा बीमारी से हुई मौत और हत्या के मामलों से कई गुना अधिक है। इसके बाद भी न तो सड़क पर चलने वाले ही इसके प्रति संवेदनशील दिखते हैं और न ही जिम्मेदार अधिकारी।
कागजों में हादसा रोकने के प्रयास
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, जिले में 45 ब्लैक स्पाट हैं। इनमें से सर्वाधिक हादसे वाले स्पाट भी चिह्नित हैं। फतेहपुर सडसीकरी के कराई 39 और कौरई में 38 मौत पिछले चार वर्षों में हो चुकी है। यमुना एक्सप्रेस वे पर खंदौली इंटरचेंज, झरना नाला ब्लैक स्पाट हैं। झरना नाले पर बस हादसे में 38 यात्रियों की जान गई थी। सड़क हादसों को रोकने के लिए इन ब्लैक स्पाट का आडिट और हादसे रोकने के इंतजाम कराने को हर बार मीटिंग होती है। मगर, हालात जस के तस हैं।
सड़क हादसों के आंकड़े
वर्ष, कुल घटनाएं, मृतक, घायल
2017,1039, 542, 894
2018,1281,616,933
2019,1098,624,923
2020,805,454,531
कुल- 4223,2236,3281
नोट- सभी आंकड़े पुलिस कार्यालय के रिकार्ड के मुताबिक 23 नवंबर 2020 तक के हैं।
सड़क हादसे रोकने के लिए ब्लैक स्पाट की पहचान करके उनका आडिट किया जाता है। हादसे का कारण क्या है? कैसे हादसे रोके जा सकते हैं? यह देखा जाता है। इसके बाद सुधार की कोशिश की जाती है। जिले के 45 ब्लैक स्पाट हैं। इनमें कई विभागों की संयुक्त कमेटी स्थलीय निरीक्षण करके सुधार की कोशिश कर रही है।
बबलू कुमार, एसएसपी