Taj Mahal: ताजमहल के यलो जोन में लगे 140 सीसीटीवी कैमरे हो रहे कबाड़
Taj Mahal ढाई वर्ष से खराब पड़े हैं कैमरे। नहीं ली किसी ने सही कराने की सुध। छह माह बाद होती है सुरक्षा की समीक्षा हर बार उठता रहा मामला। ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ये सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। विश्व धरोहर ताजमहल की सुरक्षा को लेकर आगरा से लखनऊ तक के अधिकारी गंभीर हैं। हर छह माह में सुरक्षा की समीक्षा होती है। लखनऊ से अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था देखने आते हैं। इसके बाद भी ताजमहल की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। ढाई वर्ष से ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में लगे 140 सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। अब ये कबाड़ हो रहे हैं। हर बाद इनको सही कराने पर विचार किया जाता है। मगर, अभी तक कुछ नहीं हुआ।
ताजमहल की सुरक्षा के लिए अंदर और बाहर के इलाके को रेड और और यलो जोन में बांटा गया है। अंदर के इलाके (रेड जोन) की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के हवाले है। स्मारक के 500 मीटर के बाहरी क्षेत्र यानी येलो जोन में सुरक्षा को देखते हुए 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। ये कैमरे ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2016 में लगाए गए थे। ताज के पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी गेट पर पीटीजेड कैमरे (360 डिग्री पर घूमने वाले कैमरे) लगे हैं। इसके अलावा हर महत्वपूर्ण स्थान पर स्थाई कैमरे लगे हैं।ये सभी कैमरे करीब ढाई वर्ष से खराब पड़े हैं। इनमें से बहुत से कैमरे कबाड़ हो गए हैं। कुछ कैमरों के बाक्स तक का पता नहीं है। इनके लिए बनाया गया कंट्रोल रूम भी कार्यरत नहीं है।
अब तक कोरोना संक्रमण के चलते स्मारक बंद था। अब स्मारक खुलने के साथ ही पर्यटक आने लगे हैं। इसके बाद भी इनको सही कराने की कोई सुध नहीं ले रहा।यहां लगे हैं सीसीटीवी कैमरे ताज महल के तीन ओर सुरक्षा का घेरा है। चौथी ओर यमुना नदी है। शिल्पग्राम की पार्किंग, पूर्वी गेट, पाठक प्रेस, दक्षिण गेट, आरके स्टूडियो, पश्चिमी गेट और यहां से बाहर निकलने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसके अलावा ताज के तीनों गेटों पर पीटूजेड कैमरे लगे हैं, जो चारों ओर की हरकत को कैद कर सकते हैं।
- 140 कुल कैमरे लगे हैं ताज के येलो जोन में।
- 09 कैमरे पीटीजेड हैं, जो चारों ओर घूम सकते हैं।
-131 कैमरे स्थाई है, जो एक ही दिशा में नजर रखते हैं।
-30 कैमरे तीन से चार फिट की ऊंचाई पर हैं, जो वाहनों के नंबरों पर नजर रखते हैं।
यह है अड़चन
ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ये सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। मगर, प्रोजेक्ट में एन्युअल मेंटेनेंस कास्ट (एएमसी) का प्रावधान नहीं रखा गया। इसलिए इनको सही कराने को प्रोजेक्ट में फंड नहीं है। अन्य मदों से इनको सही कराया जा सकता है। मगर, अभी तक इस पर गंभीर प्रयास नहीं हुए।