जिस ताज से होती है कमाई, उसी की सुरक्षा जिम्मेदारों ने बिसराई Agra News
ताजगंज प्रोजेक्ट में लगे 140 कैमरे छह माह से खराब। कमिश्नर के निर्देश के बाद भी नहीं हो सका काम।
आगरा, जागरण संवाददाता। अतिसंवेदनशील ताजमहल की सुरक्षा और निगरानी में लापरवाही हावी है। जिस ताजमहल से रोजाना लाखों रुपये की आय होती है उसके रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरे सही कराने के लिए छह महीने से फंड नहीं मिला है। कमिश्नर के निर्देश जारी होने के बाद भी काम ने गति नहीं पकड़ी है। ताज के आस-पास लगाए गए बूम बैरियर और हाइड्रोलिक बोलार्ड महीनों से खराब पड़े हैं।
ताजगंज प्रोजेक्ट में ताजमहल के आसपास सुंदरीकरण, पर्यटक सुविधाएं बढ़ाने के साथ सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी हाईटेक इंतजाम किए गए थे। इसके लिए ताज के रास्तों पर 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। वन विभाग के कार्यालय के नजदीक निगरानी को कंट्रोल रूम बनाया गया था। वर्ष 2016 में यह काम पूरा हो गया था। दो वर्ष तक पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को टेकओवर नहीं किया। राजकीय निर्माण निगम की विद्युत इकाई इस दरम्यान खराब हुए कैमरों की मरम्मत कराती रही। वार्षिक मेंटीनेंस कॉस्ट (एएमसी) के अभाव में अब कैमरों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। छह माह की अवधि में एक-एक कर सभी कैमरों ने काम करना बंद कर दिया है। वहीं, कंट्रोल रूम भी ठप पड़ा है। 24 जून को कमिश्नर अनिल कुमार ने पर्यटन योजनाओं की समीक्षा बैठक की थी। उसमें भी कैमरों के खराब होने का मुद्दा उठा था।
बैठक में राजकीय निर्माण निगम को कैमरों को सही कराने के लिए एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही पुलिस की हैंडओवर पर सहमति मिलने पर उसे कैमरे सही कराकर पुलिस को सौंपने थे। कमिश्नर की बैठक को एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। ताज की स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक में एडीजी सुरक्षा दीपेश जुनेजा के सामने भी यह मुद्दा उठा था। उन्होंने वार्षिक मेंटीनेंस कॉस्ट के चलते कैमरे सही नहीं होने की बात कही थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी।
बूम बैरियर और बोलार्ड भी खराब
ताजगंज प्रोजेक्ट में बूम बैरियर और हाइड्रोलिक बोलार्ड भी लगाए गए थे। यह भी खराब पड़े हैं। सीओ ताज सुरक्षा ने इन्हें सही कराने को पर्यटन विभाग व राजकीय निर्माण निगम को पत्र भेजे हैं।
जल्द सही होंगे कैमरे
पुलिस ने कैमरों को टेकओवर करने पर सहमति जताई है। राजकीय निर्माण निगम पुलिस के साथ शीघ्र ही बैठक करेगा। हैंडओवर करने से पहले कैमरों को सही करा दिया जाएगा।
अमित, उप निदेशक पर्यटन
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