Save Water: ताजनगरी में संवारे जाएंगे 1,380 तालाब, बारिश की एक एक बूंद सहेजने की है योजना
Save Water 1380 तालाब जीर्णोद्धार के लिए चिह्नित किए गए। 388 तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है। 260 तालाबों के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है। शहर में गिने-चुने ही तालाब बचे हैं। बाकी पर भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। मानसून से पहले ताजनगरी के तालाबों के जीर्णोद्धार की कवायद शुरू हो गई है। जिससे कि बारिश की एक-एक बूंद को सहेजा जा सके। इसके लिए 260 तालाबों के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है। अन्य तालाबों के संरक्षण के लिए जल्द कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इन तालाबों की खुदाई का कार्य मनरेगा मजदूरों के माध्यम से कराया जा रहा है।
जिले की 690 ग्राम पंचायतों में 1,380 तालाब जीर्णोद्धार के लिए चिह्नित कर लिए गए हैं। इनमें से 388 तालाबों के संरक्षण कार्य को तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति भी मिल चुकी है। गर्मियों में पानी के संकट से बचने और भूमिगत जलस्तर सुधार के लिए जिले में जल संरक्षण की कवायद चल रही है। जिले के 15 ब्लाकों में से 11 डार्क जोन में है। यानि इन ब्लाकों में भूमिगत जल का अति दोहन किया गया है। कई क्षेत्रों में खारा पानी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं और सिंचाई के लिए भी पानी का संकट खड़ा जाता है। इसी समस्या से बचने के लिए बूंद-बूंद सहजने पर जोर दिया जा रहा है। मनरेगा के माध्यम से गांव-गांव तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। हालांकि शहर के अधिकांश तालाबों पर कब्जा हो चुका है। यहां ऊंची-ऊंची इमारतें खड़ी हो गई है। शहर में गिने-चुने ही तालाब बचे हैं। बाकी पर भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। प्रशासनिक स्तर से भी कोई ध्यान नहीं दिया गया।