आपरेशन मुस्कान के तहत जीआरपी ने 20 दिन में तलाशे 100 बच्चे
दूसरे चरण में कई महानगरों में बचों की तलाश में जाएंगी टीमें बचों को वापस पाकर स्वजन हुए खुश
आगरा, जागरण संवाददाता। आपरेशन मुस्कान के तहत जीआरपी की स्पेशल टीमों ने 20 दिनों में 100 बच्चों को तलाश कर उनके स्वजनों से मिलाया है। यह बच्चे बालगृह और स्टेशनों पर रह रहे थे। यह आपरेशन अभी जारी है। दूसरे चरण में कई महानगरों में बच्चों की तलाश को टीमें जाएंगी।
जीआरपी आगरा अनुभाग के प्रभारी एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आगरा व झांसी की टीमों को प्रदेश के आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, कानपुर, महोबा, झांसी व चित्रकूट जिलों में भेजा गया था। टीम ने सर्विलांस व लोगों से जानकारी जुटाकर 100 बच्चों को 20 दिनों में तलाश लिया। तलाशे गए बच्चों में फिरोजाबाद के बालगृह में दो साल से रह रहे सचिन (14) को उसके स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया है। सचिन ने टीम को बताया था कि उसके माता-पिता वृंदावन में किराए पर रहते थे। इसके बाद टीम सचिन को लेकर वृंदावन पहुंची। दो दिन गली-गली घूमने के बाद तीसरे दिन सुनरख कालोनी वृंदावन में उसक स्वजन से मिलवाया। एत्मादपुर से छह माह पहले गुम हुए कान्हा (8) फिरोजाबाद के बालगृह में रह रहा था। उसे अपने माता-पिता का नाम नहीं पता था, उसने केवल एत्मादपुर बताया। टीम ने उसे लेकर एत्मादपुर पहुंची। कड़ी मेहनत के बाद उसको स्वजन से मिलाया। इकलौते बेटे से मिलकर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं था। इसी तरह मथुरा के बाल गृह में रह रहे गणेश (9) को उसके गांव चांचली तक पहुंचाया। मथुरा स्टेशन से मिले अजय (13) के स्वजन से असम में संपर्क कर लिया गया है। फरीदाबाद में रह रहे विशाल को उसके गांव गोरेगांव गुना तक पहुंचाया गया है। विशाल एक साल पहले बिछुड़ गया था।