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Tokyo Olympics: रोहन बोपन्ना ने एआइटीए पर लगाया गुमराह करने का गंभीर आरोप

बोपन्ना ने ट्वीट किया आइटीएफ ने कभी भी सुमित नागल और मेरी जोड़ी को स्वीकार नहीं किया। आइटीएफ स्पष्ट था कि नामांकन की समय सीमा (22 जून) के बाद चोट/बीमारी के बिना किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं थी।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 11:30 PM (IST)
भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बपन्ना- फोटो ट्विटर पेज

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत के टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआइटीए) पर सभी को गुमराह करने का आरोप लगाया है। बोपन्ना का मानना है कि एआइटीए ने आनन-फानन में उनकी जोड़ी सुमित नागल के साथ बनाई और कहा कि ओलिंपिक जाने का मौका है। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और सभी को गुमराह किया गया।

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इस पर एआइटीए ने कहा कि हम बोपन्ना को गुमराह नहीं, बल्कि उन्हें ओलिंपिक में भेजने के लिए मदद कर रहे थे। इस घटना को टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी शर्मनाक बताया है। एआइटीए ने टोक्यो खेलों में पुरुष डबल्स स्पर्धा के लिए पहले बोपन्ना और शरण की जोड़ी के लिए नामांकन का एलान किया था। बोपन्ना (विश्व रैंकिंग 38) और शरण ( विश्व रैंकिंग 75) की संयुक्त रैंकिंग 113 क्वालीफिकेशन हासिल करने में नाकाम रही।

अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) के अनुसार, 16 जुलाई की समय सीमा से कुछ दिन पहले यह जोड़ी विकल्प की सूची में पांचवें स्थान पर थी। नागल ने इसके बाद पुरुष सिंगल्स के लिए क्वालीफाई कर लिया।कोविड-19 महामारी के कारण ओलिंपिक में टेनिस में डबल्स मुकाबलों को उन खिलाडि़यों को प्राथमिकता दी जा रही है जिन्होंने सिंगल्स के लिए क्वालीफाई किया है। एआइटीए ने पुरुष डबल्स में नागल के साथ बोपन्ना की जोड़ी बना दी।

बोपन्ना ने ट्वीट किया, 'आइटीएफ ने कभी भी सुमित नागल और मेरी जोड़ी को स्वीकार नहीं किया। आइटीएफ स्पष्ट था कि नामांकन की समय सीमा (22 जून) के बाद चोट/बीमारी के बिना किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं थी। एआइटीए ने खिलाडि़यों, सरकार, मीडिया और बाकी सभी को यह कहकर गुमराह किया है कि हमारे पास अभी भी मौका है।'

जवाब में एआइटीए के महासचिव अनिल धूपर ने कहा, 'हमने आइटीएफ को लिखा था कि हम नामांकन बदलना चाहते हैं और अब नागल के साथ बोपन्ना की जोड़ी बनाना चाहते हैं, इसलिए कृपया हमें सलाह दें कि कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने हमें इसका जवाब दिया कि नामांकन केवल चोट और बीमारी या किसी विशेष परिस्थिति में ही बदले जा सकते है।

ऐसे में किसी को गुमराह करने का सवाल ही कहां है। हमें ऐसा करके क्या फायदा होगा? सच तो यह है कि बोपन्ना की रैंकिंग क्वालीफिकेशन के लिहाज से काफी अच्छी नहीं थी। हमने केवल उनकी मदद करने की कोशिश की, ताकि वह खेलों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने अपने दम पर क्वालीफाई क्यों नहीं किया?

'बोपन्ना के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सानिया मिर्जा ने कहा, 'क्या? अगर यह सच है तो यह बिलकुल हास्यास्पद और शर्मनाक है। इसका मतलब यह भी है कि हमने मिक्स्ड डबल्स में पदक के एक अच्छे मौके को गंवा दिया। अगर आप और मैं योजना के अनुसार खेलते मौका बन सकता था। हम दोनों को बताया गया कि आपके और सुमित के नाम दिए गए हैं।'

ओलंपिक में केवल वही खिलाड़ी मिक्स्ड डबल्स में भाग ले सकते हैं जो पहले से सिंगल्स या डबल्स ड्रा का हिस्सा होते हैं।


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