इंडियन वेल्स: रोजर फेडरर छठी बार खिताब से चूके, थिएम बने चैंपियन
डोमिनिक थिएम ने अपने पहले एटीपी मास्टर्स 1000 के खिताब पर कब्जा किया।
इंडियन वेल्स (अमेरिका), रायटर। डोमिनिक थिएम ने अपने पहले एटीपी मास्टर्स 1000 के खिताब पर कब्जा करने के साथ स्विट्जरलैंड के दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर को रिकॉर्ड छठा इंडियन वेल्स टेनिस खिताब जीतने से रोक दिया।
ऑस्टि्रया के 28 साल के इस खिलाड़ी ने दो घंटे दो मिनट तक चले पुरुष सिंगल्स के मुकाबले में फेडरर को 3-6, 6-3, 7-5 से शिकस्त दी। इससे पहले वह दो बार मैड्रिड मास्टर्स के फाइनल में हारकर उप विजेता रहे थे। करियर का 12वां खिताब जीतने वाले थिएम ने पांच मुकाबलों में फेडरर को तीसरी बार शिकस्त दी है। हालांकि हार्ड कोर्ट पर इस दिग्गज खिलाड़ी के खिलाफ यह उनकी पहली जीत है। विश्व रैंकिंग के चौथे नंबर के खिलाड़ी थिएम इसके साथ ही 1997 में थॉमस मुस्टर के बाद मास्टर्स 1000 के खिताब को जीतने वाले ऑस्टि्रया के पहले खिलाड़ी बने। फेडरर ने हाल ही दुबई में अपने करियर का 100वां खिताब जीता था, लेकिन वह इंडियन वेल्स में छठे खिताब का रिकॉर्ड नहीं बना सके। फेडरर और नोवाक जोकोविक ने इस खिताब को सबसे ज्यादा पांच-पांच बार जीता है। फेडरर की मैच में शुरुआत अच्छी रही थी और उन्हें पहले सेट को जीतने में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। वहीं, थिएम दूसरे सेट को जीतकर मैच को आखिरी सेट तक ले गए। निर्णायक सेट ट्राई बेक तक गया जहां थिएम ने पहले 6-5 की बढ़त लेने के बाद अंत में 7-5 के साथ सेट और मैच अपने नाम कर लिया।
एंड्रीस्क्यू ने जीती पहली बार ट्रॉफी : कनाडा की युवा टेनिस खिलाड़ी बियांका एंड्रीस्क्यू फाइनल में विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज एंजेलिक कर्बर को हराकर इंडियन वेल्स का महिला खिताब जीतने वाली पहली वाइल्ड कार्ड धारक खिलाड़ी बनीं। एंद्रीस्कू ने जर्मनी की विंबलडन चैंपियन कर्बर को महिला सिंगल्स के फाइनल में 6-4, 3-6, 6-4 से शिकस्त दी। एंड्रीस्क्यू ने अपने करियर में पहली बार खिताब जीता।
विश्व रैंकिंग में फिसले रोजर, डोमोनिक को फायदा
नई दिल्ली। 20 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता खिलाड़ी रोजर फेडरर को सोमवार को जारी एटीपी विश्व रैंकिंग में नुकसान उठाना पड़ा जबकि इंडियन वेल्स के विजेता डोमोनिक थिएम को रैंकिंग में फायदा हुआ।
फेडरर इंडियन वेल्स के खिताबी मुकाबले में थिएम से हार गए थे जिसके कारण वह रैंकिंग में एक स्थान के नुकसान के साथ पांचवें नंबर पर खिसक गए। वहीं, थिएम चार पायदान के फायदे के साथ चौथे नंबर पर पहुंचे। इसके अलावा जापान के केई निशिकोरी सातवें से छठे स्थान पर चले गए जबकि दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को छठे पायदान से एक स्थान नीचे उतरना पड़ा। वहीं, अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो को तीन स्थान का नुकसान झेलना पड़ा और वह आठवें नंबर पर आ गए। शीर्ष-तीन स्थानों में कोई बदलाव नहीं हुआ। नोवाक जोकोविक, राफेल नडाल और एलेक्जेंडर ज्वेरेव क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर है। वहीं, महिलाओं की विश्व रैंकिंग इंडियन वेल्स की महिला सिंगल्स की ट्रॉफी जीतने वाली कनाडा की बियांका एंड्रीस्क्यू 60वें स्थान की बढ़ोत्तरी के साथ 24वें नंबर पर पहुंच गई। वहीं, एंड्रीस्क्यू के हाथों खिताबी मुकाबला हारने के बावजूद एंजेलिक कर्बर चार पायदान के फायदे के साथ चौथे नंबर पर जा पहुंचीं। जापान की नाओमी ओसाका नंबर एक पर कायम हैं। पेत्रा क्वितोवा तीसरे से दूसरे जबकि सोमाना हालेप दूसरे से तीसरे स्थान पर आ गई।
अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर पहुंचे प्रजनेश
नई दिल्ली। इंडियन वेल्स टेनिस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले भारतीय टेनिस खिलाड़ी प्रजनेश गुणेश्वरन एटीपी रैंकिंग में करियर के सर्वश्रेष्ठ 84वें स्थान पर पहुंच गए जबकि चोटिल युकी भांबरी लगभग दो साल में पहली बार शीर्ष-200 से बाहर हो गए। एटीपी मास्टर्स सीरिज के तीसरे दौर में पहुंचने वाले प्रजनेश को 61 रेटिंग अंक का फायदा हुआ जिससे उनकी रैंकिंग में 13 स्थानों का सुधार हुआ।
पुरुष सिंगल्स रैंकिग में उनके बाद रामकुमार रामनाथन (139) दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय है। उन्हें तीन स्थान का नुकसान हुआ। घुटने के चोट के कारण कोर्ट से दूर चल रहे युकी 36 स्थान नीचे खिसक कर 207वें स्थान पर पहुंच गए। दिल्ली का यह खिलाड़ी पिछली बार जुलाई 2017 में शीर्ष-200 रैंकिंग के बाहर था। सिंगल्स रैंकिंग में इसके बाद साकेत मायनेनी (251) और शशि कुमार मुकुंद (268) का नंबर आता है। डबल्स में बायें हाथ के जीवन नेदुंचेझियान भी करियर की सर्वश्रेष्ठ 64वीं रैंकिंग हासिल करने में सफल रहे। उनसे ऊपर रोहन बोपन्ना 36वें और दिविज शरण 41वें स्थान पर काबिज है। पूरव राजा (80) और दिग्गज लिएंडर पेस (94) भी शीर्ष पांच भारतीय डबल्स खिलाडि़यों में शामिल है। डब्ल्यूटीए रैंकिंग में अंकिता रैना को दो स्थान का नुकसान हुआ, लेकिन 168वीं रैंकिंग के साथ वह सर्वश्रेष्ठ भारतीय है। उनके बाद करमन कौर थांडी है जो सात स्थानों के सुधार के साथ 203वें पायदान पर है।