Xiaomi Mi A1, OnePlus 5T समेत इन स्मार्टफोन से निकलते हैं सबसे ज्यादा रेडिएशन, ऐसे लगाएं पता
स्मार्टफोन जितना ही हमारे लिए जरूरत का उपकरण है उतना ही इसके रेडिएशन से होने वाले खतरों को भी हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। स्मार्टफोन आजकल हमारी जरूरत बनता जा रहा है। चाहे युवा हो या कॉलेज स्टूडेंट्स या फिर वर्किंग पर्सनल्स स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना हमारी जरूरत बन गई है। स्मार्टफोन जितना ही हमारे लिए जरूरत का उपकरण है उतना ही इसके रेडिएशन से होने वाले खतरों को भी हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। जर्मन फेडरल ऑफिस ऑफ रेडिएशन प्रोटेक्शन द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट के मुताबिक नए और पुराने स्मार्टफोन्स से निकलने वाले रेडिएशन हमारे लिए खतरनाक हैं।
Statista द्वारा 10 दिसंबर 2018 को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक Apple, BlackBerry, Google, HTC, Huawei, LG, Motorola, OnePlus, Samsung, Sony, Xiaomi और ZTE ब्रांड्स के कुछ स्मार्टफोन्स में सबसे ज्यादा रेडिएशन निकलते हैं। इन स्मार्टफोन ब्रांड्स के स्मार्टफोन को कान के पास रखकर टेस्ट किया गया। इस टेस्ट का परिणाम काफी आश्चर्यजनक रहा। Xiaomi Mi A1 सबसे ज्यादा रेडिएशन उत्सर्जित करने वाला स्मार्टफोन साबित हुआ। इस स्मार्टफोन को 2017 में लॉन्च किया गया था।
(Image Credit- Statista)
एक और चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी OnePlus के 2017 में लॉन्च हुआ स्मार्टफोन OnePlus 5T रेडिएशन उत्सर्जन के मामले में दूसरे नंबर पर काबिज है। Statista ने 16 डिवाइस की लिस्ट जारी की है जो सबसे ज्यादा रेडिएशन का उत्सर्जन करते हैं। इनमें Xiaomi और OnePlus के 4-4 डिवाइस और Google, Apple, Sony, HTC और ZTE के डिवाइस भी शामिल हैं। Xiaomi Mi A1 और OnePlus 5T के बाद Xiaomi Mi Max 3, OnePlus 6T और HTC U12 life क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवे नंबर पर काबिज हैं।
Xiaomi Mi MIX 3 रेडिएशन उत्सर्जन के मामले में छठे नंबर पर काबिज है। इसके अलावा Google Pixel 3 XL, OnePlus 5, iPhone 7 और Sony Xperia XZ1 Compact क्रमश: सातवें, आठवें, नौवें और दसवें नंबर पर काबिज हैं। इन टॉप-10 स्मार्टफोन्स के रेडिएशन हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। आमूमन आजकल लॉन्च होने वाले सभी स्मार्टफोन के बॉक्स पर इससे निकलने वाले रेडिएशन के बारे में तकनीकी जानकारी दी जाती है।
हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
मोबाइल में जो रेडिएशन होती हैं वो व्यक्ति के दिमाग के साथ-साथ शरीर के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती हैं। मोबाइल के रेडिएशन की वजह से ब्रेन कैंसर समेत बहरापन, सुनने में परेशानी, हार्ट फेलियर, न्यूरोडेगेनेरेटिव डिसऑर्डर जैसी कई सारी घातक बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए ही मोबाइल को एक साइलेंट किलर माना जाता है।
इस तरह लगा सकते हैं रेडिएशन का पता
मोबाइल से जो रेडिएशन निकलती है उसे Specific Absorption Rate यानी SAR कहा जाता है। भारत में SAR 1.6 वॉट प्रति किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर यह इससे ज्यादा होता है तो यह यूजर के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। इसके लिए यूजर को अपने स्मार्टफोन से *#07# कोड डायल करना होगा। यहां आपको इससे संबंधित सभी जानकारी मिल जाएगी। ध्यान रहे कि अगर आपके स्मार्टफोन का SAR 1.6 वॉट प्रति किलो से ज्यादा है तो आपको अपना मोबाइल फोन तुरंत बदल लेना चाहिए।
रेडिएशन मापने का तय है पैमाना
स्मार्टफोन निर्माता कंपनी मोबाइल बनाने के बाद उसे SAR को मापती हैं। इसे एक स्टेंडर्ड पैमाने पर मापा जाता है। आपको बता दें कि मार्केट में कई ऐसे ब्रैडेंड स्मार्टफोन्स हैं जो हाई रेडिएशन के साथ मार्केट में बेचे जा रहे हैं।
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