Move to Jagran APP

माइक्रोसॉफ्ट ने इस वजह से यूजर्स के डाटा को स्टोर करने के लिए चुना समुद्र तल

माइक्रोसॉफ्ट अपने यूजर्स के डाटा को सेव करने के लिए समुद्र तल में डाटा सेंटर बनाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी दूसरे फेज का परीक्षण कर रही है।

By Harshit HarshEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 08:38 AM (IST)
माइक्रोसॉफ्ट ने इस वजह से यूजर्स के डाटा को स्टोर करने के लिए चुना समुद्र तल

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एप्पल जैसी तमाम सॉफ्टवेयर डेवलपिंग कंपनियां और क्लाउड डाटा सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां अपने यूजर्स के डाटा को सेव करने के लिए एक बड़े क्षेत्र में डाटा स्टोरेज सेंटर बनाती है। इन डाटा सेंटर में दुनियाभर के यूजर्स के डाटा को स्टोर किया जाता है, जिसे यूजर्स कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।

loksabha election banner

माइक्रोसॉफ्ट अपने यूजर्स का डाटा स्टोर करने के लिए समुद्र के नीचे डाटा सेंटर बना रहा है। कंपनी ने हाल ही में अपने प्रोजेक्ट नैटिक का दूसरा फेज अनाउंस किया है। इस रिसर्च एक्सपेरिमेंट के जरिए एक बड़े स्तर पर यूजर्स के डाटा को स्टोर करने की संभावनाओं की तलाश की जाएगी। दूसरे फेज में कंपनी ने अपने डाटा सर्वर को टैंक के साइज वाले कंटेनर में रखकर आर्कने आइलैंड के किनारे समुद्र में उतारा है। माइक्रोसॉफ्ट इस टैंक को कई साल तक समुद्र के नीचे रखकर यह पता करेगी कि आने वाले समय में समुद्र के नीचे बड़े स्तर पर डाटा सर्वर को रखा जा सकता है या नहीं।

माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड स्ट्रेटेजी का हिस्सा

माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर बेन कटलर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समुद्रतल में डाटा सर्वर को रखने के पीछे कई कारण हैं। समुद्र के आस-पास के 200 किलोमीटर के दायरे में दुनियाभर की बड़ी आबादी रहती है। कटलर ने आगे कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड स्ट्रेटेजी के मुताबिक डाटा सेंटर को घनी आबादी के पास रखना सही कदम होगा।

समुद्री हवाओं के जरिए इन डाटा सेंटर्स को बराबर उर्जा मिलती रहेगी, इसके अलावा समुद्र तल में सर्वर बनाने के कारण इन सर्वर को ठंडा रखने के लिए उपयुक्त वातावरण भी मिलेगा। ज्यादातर कंपनियों को डाटा सर्वर को ठंडा रखने के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है। यही कारण है कि माइक्रोसॉफ्ट इस तरह का प्रयोग कर रहा है।

2013 में परियोजना की शुरुआत

माइक्रोसॉफ्ट ने इस परियोजना की शुरुआत 2013 में की थी, उस समय इसका पहला फेज लॉन्च किया गया था। पहले फेज में माइक्रोसॉफ्ट ने छोटे वेसल्स के अंदर कुछ सर्वर को डालकर प्रशांत महासागर के समुद्र तल में उतारा था। कटलर ने कहा कि पहले फेज में किया गया यह एक्सपेरिमेंट काफी उत्साहवर्धक था।

इस परीक्षण में सर्वर के साथ डाले गये वेस्लस पानी के साथ होने की वजह से हजारों डिग्री सेल्सियस तापमान में भी गर्म नहीं हुए। इसके अलावा न्वॉइज भी न के बराबर था, जिसकी वजह से सर्वर को कोई नुकसान नहीं पंहुचा। हांलाकि कुछ समुद्र की बैकग्राउंड साउंट जरूर आ रही थी लेकिन वह न के बराबर थी।

समुद्र तल में लगाया गया सर्वर

कटलर ने आगे कहा कि इस दूसरे फेज में रिसर्च टीम इस बार स्कॉटलैंड के कोस्टल एरिया को चुना है। इसका बड़ा कारण यूरोपियन मरीन एनर्जी सेंटर का होना है, जो इन वेसल्स को जरूरी इंफ्रास्ट्रकचर प्रदान करेगा। वेसल्स के समुद्र में रहने की वजह से इसका मेंटेनेंस करना नामुमकिन है। पिछले परीक्षण के दौरान कुछ साल बाद वेसल्स को समुद्र तल से बाहर निकाल कर नए वेसल्स के साथ रिप्लेस किया गया। इसके बाद इसमें नए मशीन लगाकर फिर से परीक्षण शुरू किया गया।

इस परीक्षण के दौरान टीम को लगा कि इन सर्वर को ज्यादा समय तक कैसे इस्तेमाल किया जा सकेगा। क्योंकि समुद्र में अंदर जाकर कोई भी सर्वर में लगे हार्ड ड्राइव को नहीं बदलेगा। टीम ने इसके लिए वेसल्स को नाइट्रोजन गैस से भर दिया जिसकी वजह से इसके सतह पर जंग लगने का खतरा नहीं रहेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने बिलकुल ऐसा ही वेसल जमीन पर भी सर्वर के लिए तैयार किया है। परीक्षण के दौरान इन दोनों वेसल्स को कंपेयर किया जाएगा।

कटलर ने आगे बताया कि इन वेसल्स को फैक्ट्री में तैयार करके जहां जरूरत होगी, भेजा जा सकेगा। इस वेसल का आकार कंटेनर के जैसा ही बनाया गया। मूल रूप से इस वेसल को बनाने के बाद फ्रांस में फेब्रिकेट किया गया, फिर ट्रक में लोड करके इंग्लैंड भेजा गया। अगर यह परीक्षण सफल रहा तो माइक्रोसॉफ्ट की अज्यूर टीम इन रिसर्च लैब को बड़े पैमाने पर बनाकर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेजेगी।

यह भी पढ़ें:

Big TV फ्री में दिखाएगी 500 चैनल्स, Dish TV को मिलेगी कड़ी चुनौती

Canon के टक्कर में HP ने लॉन्च किए चार प्रिंटर, एक बार में प्रिंट करेगा 15 हजार पेज

WhatsApp पर मैसेज फार्वड करने पर पकड़े जाएंगे आप, रोल आउट हुआ नया फीचर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.