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WhatsApp चैटबोट 'MyGov Corona Helpdesk' की संख्या में इजाफा, एक साल में 3 करोड़ के पार पहुंची संख्या

कोरोना काल में शुरू की गई WhatsApp चैटबोट MyGov Corona Helpdesk पर एक साल में काफी इजाफा देखा गया है। यहां यूजर्स की संख्या 3 करोड़ से पार पहु्ंच गई है। इस चैटबोट में यूजर्स वॉयस कमांड के माध्यम से अपने सवाल पूछ सकते हैं।

By Renu YadavEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 11:32 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 11:33 AM (IST)
WhatsApp चैटबोट 'MyGov Corona Helpdesk' की संख्या में इजाफा, एक साल में 3 करोड़ के पार पहुंची संख्या
यह दैनिक जागरण की प्रतीकात्मक फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। स्वास्थ्य मंत्रालय और MyGov द्वारा पिछले साल पेश किए गए WhatsApp चैटबोट 'MyGov Corona Helpdesk' ने एक साल में 3 करोड़ यूजर्स की संख्या को पार कर दिया है। इसी के साथ अब यह अब यह WhatsApp पर सबसे बड़ी COVID हेल्पलाइन सर्विस में एक बन गया है। यह चैटबोट हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें यूजर्स वॉयस कमांड के जरिए सवाल पूछ सकते हैं। 'MyGov Corona Helpdesk' का इस्तेमाल करने के लिए नागरिकों को अपने फोन पर WhatsApp नंबर +91 9013151515 नंबर सेव करना होगा और उस पर 'Hi' लिखकर भेजना होता है। जिसके बाद चैट शुरू कर सकते हैं। 

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'MyGov Corona Helpdesk' के साल पूरा होने के मौके पर Haptik के को-फाउंडर एंड सीईओ Aakrit Vaish ने डिजिटल इंडिया एनिशिएटिव के बारे में बात की। जिसमें बताया गया कि इस सर्विस ने यूजर्स के कितनी महत्वपूर्ण जगह बनाई है। इस बातचीत में उनके साथ MyGov के सीईओ अभिषेक सिंह और व्हाट्सऐप पब्लिक पॉलिसी के डायरेक्टर शिवनाथ ​ठुकराल भी जुड़े। 'MyGov Corona Helpdesk' पर चर्चा करते हुए शिवनाथ ने बताया कि पिछले साल हम सभी के लिए एक लर्निंग रहा है और दौरान तकनीक ने बेहद साथ दिया।

आ​र्कित वैश: WhatsApp चैटबोट का आइडिया कैसे आया? वो भी उस समय जब Corona शिखर पर पहुंच चुका था। इस दौरान लोगों को चैटबोट के जरिए Corona से जुड़े कई सवालों के जवाब मिले। सबसे खास बात है कि इस सर्विस को केवल 5 दिनों में तैयार किया गया। इस बीच किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

अभिषेक सिंह: अगर आप पिछले साल फरवरी पर नजर डालें तो पता चलेगा कि उस समय कोरोना के बारे में लोगों को जानकारी देना शुरू कर दिया गया था। यहां तक क्वांरनटाइन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही थी। इस दौरान हमे WhatsApp चैटबोट का आइडिया आया ताकि अधिक से अधिक लोगों से जुड़ा जा सके। इसके बाद हमें 13 मार्च को पहला WhatsApp चैटबोट कॉल आया। इसके बाद हमारी यही कोशिश रही कि लोगों को कोरोना से जुड़ी जानकारी और उनके सवालों के जवाब मुहैया कराए जाएं। शुरुआत में यह सर्विस केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध थी लेकिन 23 मार्च को इसे हिंदी में भी मुहैया करा दिया गया। खास बात है कि इस सर्विस का यूजरबेस केवल 7 दिनों में ही 10 मिलियन तक पहुंच गया था। और आज यूजरबेस 30 मिलियन हो गया है। 

आ​र्कित वैश: WhatsApp और फेसबुक यूजर्स के बीच एक लोकप्रिय प्लेटफॉर्म हैं लेकिन इनका इस्तेमाल लोगों से जुड़ने के साथ ही बिजनेस के लिए किया जाता है। ऐसे में WhatsApp चैटबोट को शुरू करने के लिए इसमें फीचर्स को भी अपग्रेड करना पड़ा। क्योंकि सरकार WhatsApp के माध्यम से लोगों से जुड़ने का तरीका निकाल रही थी। ऐसे में एपीआई पर किस तरह काम किया। 

शिवनाथ ​ठुकराल: हमारी टीम इस काम के लिए पूरी तरह तैयार थी। यह काफी बड़ा कदम था कि सरकार लोगों से जुड़ने जा रही है और इसे किस तरह आसान और सुविधाजनक बनाया जा सके। हमने एपीआई पर काफी काम किया और इस सर्विस को अंग्रेजी से हिंदी में उपलब्ध कराया। बता दें कि चैटबोट यूजर्स के बीच इस तरह लोकप्रिय हुआ कि कुछ ही समय में हेल्थ और एजुकेशन के लिए चैटबोट शुरू कर दिया गया। 

आ​र्कित वैश:  कोरोना के समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई फेक व गलत जानकारियां भी फैलाई जा रही थी यहां तक कि कई फेक वेबसाइट्स भी सामने आई। तो इसे किस तरह मैनेज किया गया। 

अभिषेक सिंह: आज यूजर्स फेक वेबसाइट्स को लेकर काफी हद तक जागरूक है। वहीं चैटबोट की बात करें तो यहां आपको किसी प्रकार की कोई गलत जानकारी नहीं मिलेगी। यहां आपको केवल एक 'हाय' का मैसेज करना है और ​चैट शुरू कर सकेंगे। वहीं शिवनाथ ने बताया कि कोरोना से जुड़ी गलत जानकारियों पर रोक लगाना बहुत बड़ा चैलेंज था। लेकिन व्हाट्सऐप चैटबोट पर इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। 

आ​र्कित वैश:  क्या चैटबोट के जरिए लोगों को वैक्सीन की भी जानकारी दी जा रही है?

अभिषेक सिंह: जी हां, व्हाट्सऐप चैटबोट पर लोग वैक्सीन से जुड़ी कई सवाल पूछ रहे हैं तो हमारी कोशिश उन्हें सही जानकारी मुहैया कराना है। हम वैक्सीन का लिंक भी उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं। वाकई एआई की मदद से यह काम काफी आसान हो गया है।

आ​र्कित वैश: एआई पर आधारित चैटबोट की तरफ अब प्राइवेट सेक्टर का भी झुकाव देखने को मिल रहा है। प्राइवेट कंपनियां अपने कस्टमर्स को बेहतर सर्विस मुहैया कराने कराने के लिए इस सर्विस की शुरुआत करने के बारे सोच रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर में यह किस तरह काम कर सकता है?

अभिषेक सिंह: इसके लिए आपको सिंपल कंटेंट और सिंपल जानकारी रखनी होगी। वहीं सबसे खास बात है कि आप जिस क्षेत्र में चैटबोट शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं वहां की लोकल भाषा में उसे उपलब्ध कराएं तो रिजल्ट बेहतर होगा और अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकेंगे। 

शिवनाथ ​ठुकराल: पब्लिक सेक्टर में चैटबोट सर्विस को शुरू करने से पहले आपको यह देखना होगा कि आप इसके जरिए लोगों तक आपना बिजनेस पहुंचाना चाहते हैं। या फिर लोगों से डायरेक्ट जुड़ना चाहते हैं। क्योंकि चैटबोट पर आप यूजर्स को कई ऐसी जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं जो उनके लिए बेहद जरूरी हैं। 


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