केंद्र का बड़ा ऐलान, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में किया गया 30 प्रतिशत का इजाफा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को विज्ञान-प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को लेकर भी बड़ी घोषणा की है। आइए जानते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को विज्ञान-प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस वर्ष, हमने 2021-22 के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में 30 प्रतिशत तक बढ़ाया है। उनका मानना है कि इससे दोनों विभागों को बहुत फायदा होगा।
This year, we have increased the budget by 30% of Department of Science & Technology and Ministry of Earth Sciences put together for 2021-22 as compared to the revised estimate of 2020-21: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan pic.twitter.com/hJncd8nuD5
— ANI (@ANI) February 15, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही डीप ऑशन मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसका बजट 4,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। इसके अलावा अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल के लिए 9 शहरों में अम्ब्रेला स्ट्रक्चर स्थापित किए जाएंगे।
Rs 50,000 cr over 5 yrs allocated for National Research Foundation. A Deep Ocean Mission to be launched with a budget outlay of more than Rs 4,000 cr. For better synergies among R&D institutions, umbrella structures to be set up in 9 cities: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan
— ANI (@ANI) February 15, 2021
भारतीय वैज्ञानिकों का दावा
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक विशाल ब्लैक होल से अत्यधिक रोशनी दिखाई देने का दावा किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस ब्लैक होल का नाम बीएल लैकेर्टे (BL Lacertae) रखा गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
भारतीय वैज्ञानिकों के इस दावे पर आश्चर्य इसलिए हो रहा है क्योंकि माना जाता है कि ब्लैक होल में खगोलीय पिंड गिर तो सकती हैं लेकिन बाहर नहीं आ सकते। इसे ब्लैक होल नाम देने के पीछे यह तर्क है कि यह अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है यानी ब्लैक होल प्रकाश को भी अपने में समाहित कर लेता है कुछ भी परावर्तित नहीं करता। पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस खोज से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के राज को सुलझाने में मदद मिलेगी।