एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर सिक्योरिटी अपडेट्स को लेकर कंपनियों के दावे झूठे: रिपोर्ट
एंड्रॉयड स्मार्टफोन निर्माता नहीं दे रहे हैं सिक्योरिटी अपडेट, हैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं आप
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। एंड्रॉयड मोबाइल निर्माता यूजर्स को उनके स्मार्टफोन की मालवेयर और हैकिंग से सुरक्षा को लेकर अब तक भ्रमित कर रहे थे। मैन्युफेक्चरर्स उपभोक्ताओं से सुरक्षा में कमी को लेकर जूथ बोल रहे थे। शोधकर्ताओं ने गूगल, सैमसंग, मोटोरोला, वनप्लस, शाओमी और अन्य कंपनियों को देखा और पाया की इन कंपनियों के कुछ हैंडसेट्स सुरक्षा मानकों जे हिसाब से अपडेट किये गए हैं। लेकिन वो यह बताना भूल गए की ऐसे कई अपडेट्स हैं जो मौजूद नहीं है।
सुरक्षा से सम्बंधित यूजर्स को नहीं मिल रही सही जानकारी: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिसर्च फर्म सिक्योरिटी रिसर्च लैब्स ने यह दावा किया है की ऐसे कई मोबाइल निर्माता हैं जो अपने उपभोक्ताओं से एंड्रॉयड डिवाइसेज में सुरक्षा में कमी के बारे में नहीं बता रहे। शोधकर्ताओं ने सैमसंग, सोनी, गूगल, मोटोरोला, एलजी, एचटीसी जैसी कई कंपनियों के 1200 हैंडसेट्स पर शोध किया। उन्होंने यह पाया की एक पैच गैप है। यह गैप मोबाइल में कथित अपडेट और असल में इनस्टॉल की जा रही अपडेट्स का है।
सैमसंग से लेकर शाओमी तक घेरे में: शोधकर्ताओं ने यह पाया की सोनी और सैमसंग ने औसत तौर पर कुछ पैच में चूक की है। लेकिन एचटीसी, हुवावै, एलजी और मोटोरोला जैसी कंपनियों ने तीन से चार पैचेज में चूक की है। शाओमी, वनप्लस और नोकिया जैसी कंपनियों ने 1 से लेकर 3 तक सुरक्षा पैच में चूक की है। वहीं, टीसीएल और जेडटीई जैसे निर्माताओं ने 4 से ज्यादा सुरक्षा मानक छोड़ दिए हैं।
इस मामले में SRL लैब्स ने अपनी एंड्रॉयड एप SnoopSnitch में अपडेट रिलीज की है। इससे यूजर्स अपने स्मार्टफोन का कोड चेक करके सिक्योरिटी अपडेट्स की असल स्तिथि का पता लगा सकते हैं।गूगल ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है की कंपनी SRL लैब्स के साथ उन तहों की जांच कर रही है जो उसे पता लगे हैं।
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