मुकेश अंबानी ने स्वदेशी Jio 5G नेटवर्क का किया ऐलान, सबसे पहले 5G लाने वाली बनेगी पहली भारतीय कंपनी, जानिए कब तक होगी लॉन्चिंग
अंबानी ने भरोसा दिलाया कि Reliance Jio का 5G नेटवर्क पूरी तरह से स्वदेशी होगा। इसे घरेलू स्तर पर विकसित किया गया है। इसके हार्डवेयर और टेक्नोलॉजी कंपोनेंट को भारत सरकार के दिशा निर्देश के तहत डेवलप किया गया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क. Reliance Jio की तरफ से 5G नेटवर्क पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसका ऐलान खुद रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने किया है। इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुकेश अंबनी ने कहा कि Reliance Jio भारत में 5G क्रांति लाने वाली अग्रणी कंपनी बनेगी। उन्होंने कहा कि Reliance Jio अपने 5G नेटवर्क को साल 2021 के मध्य तक लॉन्च करेगी। मुकेश अंबानी ने भारत को दुनिया में डिजिटल सोसाइटी बनाने वाले उम्दा देशों की श्रेणी में लाने के अपने आइिया को साझा किया, जिससे आम लोगों की राह आसान हो जाएगी।
5G को जल्द रोलआउट करने की मांग
हालांकि इसके लिए अंबानी ने 5G को जल्द से जल्द रोलआउट करने की बात कही। साथ ही इस मामले में पॉलिसी लेवल पर काम करने की बात दोहराई। अंबानी ने 5G टेक्नोलॉजी को अफोर्डेबल रखने पर जोर दिया, जिससे 5G टेक्नोलॉजी तक हर लोगों की पहुंच हो सके। मुकेश अंबानी ने भरोसा दिलाया कि Reliance Jio का 5G नेटवर्क पूरी तरह से स्वदेशी होगा। उन्होंने बताया कि इसे घरेलू स्तर पर विकसित किया गया है। इसके हार्डवेयर और टेक्नोलॉजी कंपोनेंट को भारत सरकार के दिशा निर्देश के तहत डेवलप किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
भारत बनेगा सेमीकंडक्टर बनाने का बड़ा हब
मुकेश अंबानी ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर के लिए एक पॉलिसी की जरूरत है, जिससे देश के करीब 300 मिलियन 2G यूजर को 4G में शिफ्ट किया जा सके, जिससे 2G स्मार्टफोन यूजर भी डिजिटल ट्रांसफर का फायदा उठा पाएं। अंबानी ने कहा कि भारत मौजूदा वक्त में भारत दुनिया के डिजिटली कनेक्ट राष्ट्रों में से एक है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग 2G सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए पॉलिसी में सुधार की जरूरत है। साथ ही तेजी से 5G को रोलआउट करने पर भी काम करना चाहिए। मुकेश अंबानी की मानें, तो भारत विश्वस्तरीय चिप डिजाइन करने की क्षमता रखता है। जो भारत को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के हब बनने की दिशा में बड़ा कदम होगा। इससे भारत सॉफ्टवेयर की तरह ही हार्डवेयर की क्षेत्र में सफलता को दोहरा सकता है।