स्पेक्ट्रम नीलामी में Reliance Jio बनी सबसे बड़ी खरीददार, Airtel और Vodafone-Idea रहे पीछे, देखें पूरी लिस्ट
टेलीकॉम कंपनियों की ओर से स्पेक्ट्रम की कीमतों का भुगतान अगले 18 वर्षों में किया जाएगा। Jio के पास औसतन 15.5 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। 2250 MHz स्पेक्ट्रम के टेलिकॉम सिग्नल को 7 बैंड के लिए 4 लाख करोड़ रुपये में शुरुआत में रिजर्व रखा गया था।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेलिकॉम सेक्टर की दो दिवसीय नीलामी प्रक्रिया मंगलवार को खत्म हो गई। टेलिकॉम सेक्टर की स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया भारत में 5 साल बाद हुई थी, जिसमें कुल 77,814 करोड़ रुपये के एयरवेव की खरीददारी हुई। इसमें से सबसे ज्यादा एयरवेब की खरीददारी मुकेश अंबानी की कंपनी Reliance Jio ने की। रिलायंस जियो ने 57,122 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसमें से बीते सोमवार को 2,250 मेगा हर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई। टेलीकॉम कंपनियों की ओर से स्पेक्ट्रम की कीमतों का भुगतान अगले 18 वर्षों में किया जाएगा। Jio के पास औसतन 15.5 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध है।
4 लाख करोड़ रुपये था रिजर्व प्राइस
2,250 MHz स्पेक्ट्रम के टेलिकॉम सिग्नल को 7 बैंड के लिए 4 लाख करोड़ रुपये में शुरुआत में रिजर्व रखा गया था। इसकी नीलामी बीते सोमवार को शुरू हुई थी। टेलिकॉम सेक्रेट्री अंशू प्रकाशन ने कहा कि पिछले दो दिनों में 855.60 HHz स्पेक्ट्रम के करीब 77,814 करोड़ रुपये में बिके। इसमें से रियायंस जियो ने 57,122 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की बोली लगाई। कंपनी ने नीलामी में पांच सर्किल के लिए स्पेक्ट्रम खरीदा है। इससे उसे 4G कवरेज बढ़ाने में मदद मिलेगी। एयरटेल ने रेडियोवेव के लिए 18,699 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इससे कंपनी को आने वाले दिनों में 5G सर्विस उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। जबकि Vodafone Idea ने 1,993 करोड़ रुपये के एयरवेव खरीदे।
700 MHz के लिए लगी सबसे ज्यादा बोली
स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz और 2300 MHz बैंड के लिए बोली लगाई गई है। लेकिन 700 और 2500 MHz बैंड के लिए कोई भी बोली नहीं लगाई गई है। स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान 700 MHz बैंड के लिए एक तिहाई बोली लगाई गई, जिसकी नीलामी 2016 से नहीं हुई थी।