उपलब्धि: पीएम मोदी आज स्वदेशी 5G टेस्ट बेड की करेंगे शुरुआत, जानें क्या होगा इसमें खास
पीएम मोदी की तरफ से आज देश में 5G टेस्ट बेड को शुरू किया जाएगा। इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। ट्राई की रजत जयंती समारोह के मौके पर पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इसकीक शुरुआत करेंगे।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी आज यानी 17 मई 2022 को भारत 5G टेस्ट बेड की शुरुआत करेंगे। यह भारत निर्मित 5G टेस्ट बेड होगा। इस टेस्ट बेड को देश के आठ आईआईटी समेत 11 भारतीय संस्थाओं ने मिलकर तैयार किया है। अब भारत के पास 5जी सेवा की पूरी तरह से अपनी तकनीक होगी। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वह 5जी टेस्ट बेड का भी शुभारंभ करेंगे।
220 करोड़ रुपये की लागत से हुआ तैयार
टेस्ट बेड परियोजना में भाग लेने वाले संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बांबे , आईआईटी कानपुर, आईआईएस बंगलुरू, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिय¨रग एंड रिसर्च (एसएएमईईआर) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (सीईडब्लूआईटी) मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
अगले साल शुरू हो सकती है 5G टेक्नोलॉजी
टेस्ट बेड भारतीय उद्योग और स्टार्टअप के लिए एक सहायक इकोसिस्टम को सक्षम बनाएगा, जो इन्हें 5G और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी में अपने उत्पादों, प्रोटोटाइप, समाधान और एल्गोरिदम को सत्यापित करने में मदद करेगा। टेलीकॉम मंत्रालय के मुताबिक इस साल के अंत तक 5G तकनीक को तैयार कर लिया जाएगा। 5G तकनीक तैयार करने वाली संस्थाओं का सी-डॉट के साथ करार होने जा रहा है। अगले साल के आरंभ तक देश के पास 5G तकनीक, 5G सेवा से जुड़े उपकरण और 5G हैंडसेट, सबकुछ घरेलू स्तर पर बना होगा।
क्या है 5G टेस्ट बेड
5G टेस्ट बेड दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ की परियोजना है, जिसके लिए दूर संचार विभाग की तरफ से फंड जारी किया गया है। इस परियोजना का मकसद भारतीय स्टार्टअप और उद्योग को 5G में शुरुआती बढ़त लेना है। इस परियोजना का लक्ष्य एक 5G टेस्ट बेंड का निर्माण करना है जो वास्तविक दुनिया के 5G परिनियोजन के समान है। यह परीक्षण बिस्तर कई व्यावसायिक परिनियोजन का आधार बन सकता है। यह प्रोजेक्ट एक 5G प्रोटोटाइप और टेस्टिंग प्लेटफॉर्म बनाएगा जिसे IIT-M फैकल्टी के मार्गदर्शन में विकसित किया जा रहा है।