National Doctors Day- डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन करना कितना है कामयाब ?
भारत में 1 जुलाई को National Doctors Day मनाया जाता है। कोरोना काल में डॉक्टर्स को भी घर बैठे ही लोगों ने ऑनलाइन दिखाना शुरू कर दिया। हम आपको डॉक्टर्स से ऑनलाइन कंसल्टेशन वाली ऐप्स के साथ ये भी बतायेंगे कि ऑनलाइन कंसल्टेशन कितना कामयाब है।
नई दिल्ली, कृतार्थ सरदाना। भारत में 1 जुलाई को National Doctors Day मनाया जाता है। डॉक्टर जिन्हें भगवान का रूप कहा जाता है, यह दिन उन्हीं को समर्पित होता है। कोरोना काल के दौरान पिछले दो वर्षों से लेकर अब तक डॉक्टर्स ने बड़ी मेहनत और लगन से देशवासियों की सेवा की है। इसी कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण जहाँ सभी काम लोगों ने घर बैठे ऑनलाइन ही किये तो वहीँ डॉक्टर्स को भी घर बैठे ही लोगों ने ऑनलाइन दिखाना शुरू कर दिया। अगर आप इन ऐप्स से बेखबर हैं तो जानिये इन ऐप्स के बारे में। साथ ही हम ये भी बतायेंगे कि ऑनलाइन कंसल्टेशन कितना कामयाब है।
Apps for Online Doctor Consultation
Apollo 24X7 - सुप्रसिद्ध अपोलो हॉस्पिटल की इस ऐप से दवाइयों की होम डिलीवरी, लैब टेस्ट के साथ साथ डॉक्टर्स से भी कंसल्टेशन कर सकते हैं । यह ऐप अपोलो हस्पताल के डॉक्टर्स से 24 घंटे सातों दिन कंसल्टेशन कराने की सुविधा देती है। अपोलो ने अपनी ऐप में 4,000 से अधिक डॉक्टर्स को जोड़ रखा है। ऐप पर वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा भी मौजूद है। सभी डॉक्टर्स की अपनी अलग अलग फीस होती है जो ऐप पर दिखाई दे रही होती है।
Practo- इस ऐप से यूजर्स डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करा सकता है। यह ऐप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों अपॉइंटमेंट की सुविधा देती है। ऑनलाइन मोड में वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा उपलब्ध होती है। इसके अलावा कंपनी कुछ हेल्थ प्लान्स भी पेश करती है जिसकी यूजर्स को subscription लेनी पड़ती है।
Tata Health & Tata 1MG- टाटा हेल्थकेयर मरीजों के लिए 2 ऐप्स प्रदान करती है। इनमें एक है Tata Health और दूसरी है Tata 1MG।दोनों ऐप्स से मरीज डॉक्टर से वीडियो कंसल्टेशन के जरिये ऑनलाइन कंसल्टेशन कर सकता है। टाटा हेल्थ पर डॉक्टर से कंसल्टेशन की फीस की शुरुआत 200 रुपये से शुरू होती है। तो वहीँ Tata 1MG पर 22 से अधिक Specialities पर डॉक्टर्स से चैट, वोइस और वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा मिलती है।
इन ऐप्स के जरिये लोग डॉक्टर के साथ ऑनलाइन कंसल्टेशन करते तो है। लेकिन ये ऑनलाइन कंसल्टेशन कितनी कामयाब है इसके बारे में हमने दिल्ली के जाने माने physician डॉक्टर अचल शंकर दवे से बात की। डॉ दवे कहते हैं ''ऑनलाइन कंसल्टेशन लॉकडाउन में बहुत पीक पर था क्यूंकि तब यही लोगों के पास एकमात्र विकल्प बचा था। लोगों को खुद ठीक भी रहना था और कोरोना से भी बचना था। लेकिन अब यह पहले के मुकाबले कम हो गया है। क्यूंकि इसमें डॉक्टर मरीज को शारीरिक यानी physical तौर पर नहीं देख पाता इसलिए इसमें गलती की काफी संभावना बनी रहती है।"
डॉक्टर दवे ये भी कहते हैं कि कुछ बीमारियों में तो ऑनलाइन कंसल्टेशन बहुत अच्छा है जैसे मानसिक रोग के लिए मनोचिकित्सक ( psychiatrist) को दिखाना। इस बीमारी में डॉक्टर मरीज की बात सुनने के साथ उसके हाव भाव देखता है जो वीडियो कंसल्टेशन से भी अच्छे से देखा जा सकता है। लेकिन जहाँ मरीज को देखने की जरूरत है वहां ये कामयाब नहीं होता। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को मरीज को बुखार आया है तो ऑनलाइन कंसल्टेशन से वह डॉक्टर से बात कर दवाई ले लेगा लेकिन अगर 2 दिन बात भी उसका बुखार नहीं उतरा तो डॉक्टर को मरीज को शारीरिक रूप से देखना ही पड़ेगा।
डॉक्टर दवे की बात से ये साफ़ है कि ऑनलाइन कंसल्टेशन से कुछ बीमारियों का इलाज तो हो सकता है लेकिन सब बीमारियों का नहीं।