मोबिक्विक सीईओ ने भीम कैशबैक स्कीम पर उठाया सवाल, जानें क्या कहा
इस कैशबैक स्कीम को मार्च 2018 तक के लिए ही लागू किया गया था। लेकिन अब इसे एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को भेदभावपूर्ण बताया है। कंपनी के सीईओ बिपिन प्रीत सिंह ने कहा है कि भीम एप में दिया जा रहा इंसेंटिव या कैशबैक केवल भीम-यूपीआई को बढ़ावा देने के लिए ही दिया जा रहा है। यह कैशबैक तभी मिलता है जब यूजर भीम एप या किसी बैंक की एप का इस्तेमाल करता है। यह स्कीन नॉन बैंक एप जैसे मोबिक्विक, गूगल तेज या फोनपे आदि पर लागू नहीं होती है।
NPCI के मुताबिक, यह कैशबैक स्कीम साल 2017 में शुरू की गई थी। इसे मार्च 2018 तक के लिए ही लागू किया गया था। लेकिन अब इसे एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसमें अगर यूजर NPCI की भीम एप या फिर बैंक द्वारा संचालित UPI एप का इस्तेमाल करते हैं तो ही उन्हें यूनिक UPI ट्रांजैक्शन पर कैशबैक दिया जाता है। इस कैशबैक के लिए न्यूनतम ट्रांजैक्शन 100 रुपये का होना चाहिए। हर यूजर हर महीने 20 ट्रांजैक्शन पर 25 रुपये तक का कैशबैक पा सकता है। इसके साथ ही अगर ट्रांजैक्शन को रिपीट किया जाता है तो उस यूजर को हर महीने 250 रुपये तक कैशबैक भी दिया जाता है। वहीं, कुछ स्थितियों में यूजर कई UPI ट्रांजैक्शन्स पर हर महीने 750 रुपये तक का कैशबैक हासिल कर सकता है।
बिपिन ने कहा कि इस स्कीम के दायरे से मोबिक्विक, गूगल तेज और फोनपे जैसी एप्स बाहर हैं। उदाहरण के तौर पर: अगर आप आईसीआईसीआई बैंक के यूजर हैं तो आपको इस एप से UPI पेमेंट के लिए हर महीने 750 रुपये तक कैशबैक मिल सकता है। लेकिन अघर आप किसी थर्ड पार्टी अप का इस्तेमाल कर उसी UPI और बैंक अकाउंट से पेमेंट करते हैं तो यह कैशबैक यूजर क नहीं दिया जाएगा।
इसके साथ ही बिपिन ने बताया कि मोबिक्विक के अलावा फोनपे भी इस प्रणाली के खिलाफ है। फोनपे के वाइस प्रेसिडेंट पेमेंट्स हेमंत गाला ने कहा, “यूपीआई को भीम का नाम बदलकर यूपीआई करने से बाजार में मर्चेंट्स और कंज्यूमर्स के बीच बड़ा कनफ्यूजन हो रहा है क्योंकि कुछ एप पर कैशबैक मिलता, लेकिन थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म पर यह स्कीम नहीं चलती।”
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