#NayaBharat: टेक्नोलॉजी का अडॉप्शन हर एक स्तर पर हो रहा है- खालिद वानी
कोरोनावायरस की वजह से हर एक व्यक्ति के जीवन पर असर पड़ा है। लोगों के बीच टेक्नोलॉजी के अडॉप्शन में इजाफा हुआ है। टेक्नोलॉजी का अडॉप्शन हर एक स्तर पर हो रहा है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के बीच उत्पन्न हुई आर्थिक संकट के दौर में हमने Jagran HiTech #NayaBharat सीरीज की शुरुआत की है। इस सीरीज को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के विजन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। देश की आर्थिक गति को फिर से पटरी पर लाने के लिए इंडस्ट्री के लीडर्स की क्या प्लानिंग है, ये जानने के लिए Jagran HiTech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने इंडस्ट्री के लीडर्स और एक्सपर्ट्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है। आज के एपिसोड में हमारे से साथ बात करने के लिए मौजूद हैं- खालिद वानी डायरेक्टर चैनल सेल्स, इंडिया, वेस्टर्न डिजिटल। आइए इस बातचीत को विस्तार से जानते हैं-
सिद्धार्था शर्मा- कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से कारोबार पर क्या असर रहा है?
खालिद वानी- पिछले ढ़ाई से तीन माह पर्सनल और प्रोफेशन लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं और इनका असर काफी लंबे वक्त तक देखने को मिलेगा। हालांकि यह संकट का दौर एक देश और सोसाइटी के तौर पर हमें मजबूत बनाएगा। अगर कोविड-19 के असर की बात करें, तो कोरोनावायरस की वजह से हर एक व्यक्ति के जीवन पर असर पड़ा है। लोगों के बीच टेक्नोलॉजी के अडॉप्शन में इजाफा हुआ है। टेक्नोलॉजी का अडॉप्शन हर एक स्तर पर हो रहा है। स्टूडेंट की क्लास डिजिटल मोड से हो रही है। वहीं बिजनेस बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी अपना रहे हैं। मौजूदा वक्त में हर एक चीज लगभग डिजिटाइज्ड हो गई है। पहले तक लोग वर्चुअली बहुत ही कम शो करते थे। लेकिन आज हम आपसे 100 किमी दूर बैठकर वर्चुअली बातचीत कर रहे हैं। इसका लंबे वक्त में आपको फायदा देखने को मिलेगा। मौजूदा वक्त में लोग टेक्नोलॉजी से जुड़ी अपनी स्किल को बढ़ा रहे हैं। साथ ही हमारे बिजनेस पार्टनर और बिजनेस कम्यूनिटी टेक्नोलॉजी अपना रहे हैं, जो हमें आगे चलकर फायदा ही पहुंचाएगा।
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सिद्धार्था शर्मा- कोरोनवायरस की वजह से आने वाले दिनों में कंपनी किस तरह के बिजनेस प्लान बनाएंगी और किस तरह से आगे बढेंगी?
खालिद वानी- अगर भारत की बात करें, तो इसका फ्यूचर काफा ब्राइट नजर आ रहा है। अगर कोविड-19 के बाद के बिजनेस की बात करें, तो कंपनियों की तरफ से कंज्यूमर के चेंज माइंडसेट पर जोर देंगी। कंज्यूमर बिहेवियर को समझने की कोशिश करेंगी और उसी के हिसाब से कंपनियां का बिजनेस प्लान बनेगा। साथ ही कंज्यूमर के साथ कम्यूनिकेशन स्ट्रैटजी को लेकर काम किया जाएगा। कुल मिलाकर कंपनियों को न्यू नॉर्मल मॉडल को स्वीकार करना होगा। बिजनेस को अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव करना होगा। वेस्टर्न डिजिटल कंपनी होने के नाते हमारी कंपनी को एक फायदा होगा कि कोविड-19 के बाद डेटा को एनलाइज करने में इजाफा दर्ज किया जाएगा। कंज्यूमर, इंटरप्राइजेज और सरकारी हर एक तरह का डाटा सुपर क्रिटिकल हो जाएगा। कोविड-19 ने सभी देशों को ग्लोबली एक कर दिया है। डाटा को एनलाइज करके अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस वक्त देश में कोविड-19 का इंफेक्शन रेट सबसे ज्यादा था, उसक वक्त एक देश कैसे रिएक्ट कर रहा था। ऐसा इसलिए संभव हो सका है, क्योंकि हम बड़े पैमाने पर डिजिटल तरीके से डाटा कलेक्ट कर रहे हैं। इससे पहले तक हम बहुत कम मात्रा में डाटा कलेक्ट करते थे। यह करीब 1 से 1.5 फीसदी था। साथ ही इस डाटा का इस्तेमाल इकोनॉमी को बेहतर करने में कर सकते हैं। जैसा कि मालूम है कि हम डाटा स्टोरेज सॉल्यूशन के फील्ड में काम करते हैं। ऐसे में हमारे लिए काफी संभावनाएं हैं।
सिद्धार्था शर्मा- कोविड-19 के बाद क्या चुनौतियां निकलकर सामने आएंगी और बिजनेस के लिए क्या संभावनाएं हैं?
खालिद वानी- कोरोनावायरस की वजह से बिजनेस की टाइमलाइन पर असर देखने को मिलेगा। कहने का मतलब है कि अगर कोई प्रोडक्ट को लॉन्च करने की डेटलाइन दी गई थी, तो उसमें देरी होगी। साथ ही कंपनियां अब सिक्योरी और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेंगी। वहीं कंपनियां अपने कर्मचारियों की सिक्योरिटी, सेफ्टी को ज्यादा अहमियत देंगी। साथ ही सोसाइटी भी इसी दिशा में बढे़गी। हालांकि बिजनेस की रिकवरी में तेजी दर्ज की जाएगी। मतलब रेट ऑफ रिवकरी तेज होगी। सबसे चुनौतीपूर्ण पार्टनर को ट्रेनिंग और डेवल्पमेंट होगा। साथ ही पार्टनर को इक्यूपमेंट उपलब्ध कराना होगा। जैसे एजूकेशन सेक्टर को काफी डिजिटाइज्ड होना है। इसके लिए बडे़ पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग की जरूरत होगी। साथ ही स्किल्स को बढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा।
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सिद्धार्था शर्मा- आपका नए भारत के लिए क्या मैसेज है?
खालिद वानी- एक गीत है-नया खून है नई उमंगे नई है अपनी जवानी, हम हिंदुस्तानी, अपनी मेहनत को औजार बनाए, अपने हाथों को अपना भगवान बनाएं, हम हिंदुस्तान. मतलब हम आत्मनिर्भर बनने की ओर से बढे़ंगे। अगर हम बैंग्लोर बेस्ड अपनी इंजीनियरिंग टीम की बात करें, तो हमने 1TB की एक माइक्रोएसडी कार्ड बनाई है, जो मेड इन इंडिया है। हमारे पास काम करने की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में कोविड-19 के बाद भारत आत्मनिर्भर बनने का माइंडसेट लेकर आएगा। यह मेरा विश्वास है।
(Written By- Saurabh Verma)