कैसे फर्जी एंड्राइड और iOS ऐप्स की करें पहचान, यहां जानें पूरी डिटेल
How to find fake Android and iOS App अक्सर ऐप्स डाउनलोडिंग से लेकर इस्तेमाल के दौरान सावधानी बरतने की बात कही जाती है क्योंकि आज के दौर में भारी संख्या में फेक ऐप्स मौजूद हैं जो बैकिंग फ्रॉड और पर्सनल डेटा चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। मौजूदा दौर में सभी के पास स्मार्टफोन मौजूद है। स्मार्टफोन हैं, तो वाजिब है ऐप्स भी होंगे। इसमें से कुछ ऐप्स प्री-इंस्टॉल होते हैं, तो कुछ जरूरत के हिसाब से बाद में डाउनलोड किये जाते हैं। लेकिन अक्सर ऐप्स डाउनलोडिंग से लेकर इस्तेमाल के दौरान सावधानी बरतने की बात कही जाती है, क्योंकि आज के दौर में भारी संख्या में फेक ऐप्स मौजूद हैं, जो बैकिंग फ्रॉड और पर्सनल डेटा चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे ऐप्स को तुरंत अन-इंस्टॉल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इन फेक ऐप्स की पहचान कैसे की जाए, जो दिखने में रियर ऐप्स की तरह नजर आते हैं, तो आइए जानेत हैं ऐसी ही कुछ बातें जिनका ख्याल रखकर फेक ऐप्स की पहचान की जा सकती है।
कैसे करें फर्जी ऐप्स की पहचान
- Google Play Store या Apple App Store से ऐप डाउनलोड करने से पहले हमेशा ऐप और उसके डेवलपर्स के नाम पर ध्यान देना चाहिए, जिसने ऐप बनाया है।
- जब आप ऐप्स सर्च करते हैं, तो आपको मल्टीपल ऐप्स एक ही नाम से दिखाई देते हैं। ऐसे में ऐप्स के डिस्क्रिप्शन पर ध्यान देना चाहिए। इससे सही ऐप्स को पहचानने में मदद मिलती है।
- ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू को चेक करना चाहिए, साथ ही रेटिंग पर ध्यान देना जरूरी होता है।
- ऐप्स के पब्लिश डेट को देखना चाहिए। रियर ऐप पर हमेशा अपडेट डेट दर्ज होगी।
- ऐप्स के स्क्रीनशॉट को चेक करना चाहिए, अगर उसमें अजबी वर्ड और इमेज दिखती है, तो इस तरह के ऐप्स फर्जी हो सकते हैं।
- वहीं सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली है बात है ऐप्स की परमिशन। थर्ड पार्टी ऐप्स सबसे ज्यादा परमिशन मांगते हैं। इसमें कॉन्टैक्ट और स्टोरेज की परमिशन शामिल रहती है। वही अगर कोई ऐप कैमरा, ऑडियो या मेल की परमिशन मांगता है, तो बेहतर होगा कि ऐसे ऐप्स को ना डाउनलोड करें।