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थर्ड पाटी एप्स के जरिए हैकर्स चुरा सकते हैं आपके स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की जानकारी

फेसबुक से डाटा चोरी होने की घटना को विशेषज्ञ यूजर्स के लिए एक बड़ा सबक मान रहे हैं।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 09:31 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 07:39 AM (IST)
थर्ड पाटी एप्स के जरिए हैकर्स चुरा सकते हैं आपके स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की जानकारी
थर्ड पाटी एप्स के जरिए हैकर्स चुरा सकते हैं आपके स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की जानकारी

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। क्या स्मार्टफोन पर एप डाउनलोड करने से पहले आपने कभी सोचा है कि इन एप्स के जरिए हैकर्स आपकी जानकारी चुरा सकते हैं? क्या सोशल मीडिया पर लॉग इन करते वक्त आपको कभी अपनी जानकारी चोरी होने का डर लगा है? ये सवाल इसलिए अहम हैं क्योंकि हाल ही में एक रिपोर्ट ने दुनिया भर में यूजर्स की जानकारी को लेकर एक नई बहस शुरू कर दी है।

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दरअसल कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एक फर्म ने फेसबुक के करोड़ो यूजर्स के डाटा के साथ छेड़छाड़ की थी। फर्म ने इसका इस्तेमाल 2016 अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्शन को प्रभावित करने के लिए किया था। इसके बाद से कई अटकलें लगाईं जा रही हैं।

कैसे हो सकती है आपकी जानकारी चोरी?

आसान भाषा में समझाएं तो आप जब किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर लॉग इन करते हैं, तो आपसे आपकी कुछ जानकारी मांगी जाती है। जैसे नाम, पता, ईमेल आइडी, कॉन्टेक्ट नंबर इत्यादि। इन जानकारियों को पूरा कर के आप किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बनाते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर थर्ड पार्टी एप्स जिन्हें आपने जाने या अनजाने में परमिशन दी हो, वो आपके जानकारियों का इस्तेमाल करते हैं। यहां खतरा ये है कि हैकर्स इन थर्ड पार्टी एप्स के जरिए आपकी जानकारी चुरा सकते हैं। इतना ही नहीं हैकर्स इन जानकारी का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

ऐसे ही कुछ स्मार्टफोन में एप्स को डाउनलोड करने पर होता है। एप्स अपनी सेवा अनुसार आपके कॉन्टेक्ट नंबर, मीडिया गैलरी और कई चीजों को एक्सेस करने की जानकारी मांगते हैं। अगर हैकर्स के हाथ ये जानकारी लग जाए, तो आपका काफी नुकसान हो सकता है।

इस को लेकर नेटवर्क इंटेलीजेंस के प्रमुख अल्ताफ हाल्दे ने बयान दिया है। उन्होने कहा है, “यूजर्स को केवल सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही नहीं बल्कि अपने स्मार्टफोन पर थर्ड पार्टी एप को दी जाने वाली जानकारी के बारे में भी सतर्क रहना चाहिए”

अपने बयान के जवाब में उन्होने उदाहरण दिया कि यूजर गूगल प्ले स्टोर से किसी गेमिंग एप को डाउनलोड करते हैं। एप उनसे कॉन्टेक्ट या मैसेज रीड करने की इजाजत मांगता है। अल्ताफ हाल्दे ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि‘ आमतौर पर लोग ध्यान नहीं देते कि गेमिंग एप को आपके मैसेज या कॉन्टेक्ट लिस्ट से क्या लेना देना है, इसका असर हमारे खिलाफ भी हो सकता है’

विशेषज्ञों का कहना है कि फेसबुक की घटना यूजर्स के लिए एक सबक है। अगर फेसबुक जैसे कंपनी से डेटा चुराया जा सकता है, तो हैकर्स आपके निजी डाटा का थर्ड पार्टी एप्स के जरिए दुरूपयोग कर सकते हैं।

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