Move to Jagran APP

Chandrayaan 2: ISRO का ये मून मिशन होगा पूरा, चंद्रमा के बारे में पता लगाएंगे ये 8 पेलोड्स

Chandrayaan 2 ISRO के वैज्ञानिकों का पूरा ध्यान फिलहाल ऑर्बिटर पर टिका है। ऑर्बिटर में कुल 8 पेलोड्स हैं जो ISRO को चांद की सतह पर होनो वाले हर घटना की जानकारी उपलब्ध कराएगा

By Harshit HarshEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 03:14 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:28 AM (IST)
Chandrayaan 2: ISRO का ये मून मिशन होगा पूरा, चंद्रमा के बारे में पता लगाएंगे ये 8 पेलोड्स
Chandrayaan 2: ISRO का ये मून मिशन होगा पूरा, चंद्रमा के बारे में पता लगाएंगे ये 8 पेलोड्स

नई दिल्ली, टेक डेस्क। ISRO के महत्वाकांक्षी मून मिशन Chandrayaan 2 का विक्रम लैंडर देर रात 1 बजकर 52 मिनट पर संपर्क से बाहर चला जाता है। विक्रम लैंडर का ISRO से संपर्क टूटते ही भारत के इस महात्वाकांक्षी परियोजना को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से अलग हुए ऑर्बिटर से लगातार संपर्क में है। अब ये ऑर्बिटर ही ISRO के इस मून मिशन को जीवित रख सकता है। आपको बता दें कि ऑर्बिटर कुल 1 साल तक चांद की बाहरी कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा। ऐसे में जब यह ऑर्बिटर उस ट्रेजेक्टरी में पहुंचेगा, जहां विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा था, तब वास्तिवक और सटीक जानकारी मिलेगी की, रात के 1 बजकर 52 मिनट पर अचानक से लैंडर से संपर्क क्यों टूटा था?

loksabha election banner

ISRO के वैज्ञानिक यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि चांद के इस अनछुए भाग पर विकिरण की वजह से संपर्क टूट गया होगा या फिर विक्रम लैंडर चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर क्रैश कर गया होगा, लेकिन वास्तविकता क्या है, ये फिलहाल किसी को नहीं पता है। वैज्ञानिक लगातार ऑर्बिटर से मिल रहे डाटा का अध्य्यन कर रहे हैं। ISRO के वैज्ञानिकों का पूरा ध्यान फिलहाल ऑर्बिटर पर टिका है। ऑर्बिटर में कुल 8 पेलोड्स हैं जो ISRO को चांद की सतह पर होनो वाले हर घटना की जानकारी उपलब्ध कराएगा। आइए, इन पेलोड्स के बारे में जानते हैं..

Terrain Mapping Camera 2 (TMC 2)

यह पेलोड एक टैरेन मैपिंग कैमरा है जिसका इस्तेमाल चंद्रयान 1 के समय किया गया था। यह चांद की सतह पर पैनोक्रोमैटिक स्पेक्ट्रल बैंड (0.5-0.8 माइक्रोन) क्षमता के हाई रिजोल्यूशन की तस्वीर क्लिक कर सकता है। यह चांद की कक्षा से 100 किलोमीटर की दूरी से 5 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक की तस्वीर ले सकता है। इसके द्वारा कलेक्ट किए गए डाटा की 3D मैपिंग के जरिए जानकारी इकट्ठा की जा सकेगी।

सॉफ्ट X-Ray स्पेक्ट्रोमीटर (CLASS)

यह पेलोड चांद के X-Ray फ्लूरोसेन्स (XRF) स्पेक्ट्रा के बारे में जानकारी एकत्र कर सकता है। ये चांद की सतह पर मैग्नेशियम, एल्युनीयिम, सिलिकॉन, कैल्शियम, टाइटैनियम, आयरन और सोडियम जैसे धातू के बारे में पता लगा सकता है।

सोलर X-Ray मॉनिटर (XSM)

ये पेलोड सूर्य और इसके कोरोना से निकलने वाले X-Ray के जरिए सूर्य के रेडिएशन की तीव्रता को माप सकता है। ये पेलोड CLASS की मदद करता है। इसका मुख्य काम सोलर X-Ray स्पेक्ट्रम को 1-15 keV रेंज का उर्जा प्रदान करना है।

ऑर्बिटर हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC)

ये पेलोड हाई रिजोल्यूशन की तस्वीर क्लिक कर सकता है। यह दो अलग-अलग एंगल से तस्वीर क्लिक कर सकता है। इसका पहला काम लैंडिग साइट की DEM (डिजिटल एलिवेशन मॉडल) को जेनरेट करना है। ये सेपरेशन के समय लैंडर को क्रेटर्स और बोल्डर्स को सुरक्षित रखता है।

इमेजिंग IR (इंफ्रा रेड) स्पेक्ट्रोमीटर (IIRS)

इस पेलोड के दो मुख्य काम हैं- पहला, ये चांद की ग्लोबल मिनिरलोजिकल और वोलटाइल मैपिंग करता है, जिसकी स्पेक्ट्रल रेंज ~0.8-5.0 होती है। दूसरा, ये पानी या पानी जैसे पदार्थ का कम्प्लीट कैरेक्टराइजेशन करता है।

ड्यूल फ्रिक्वेंसी सिन्थेटिक अपर्चर रडार (DFSAR)

इस पेलोड के तीन मुख्य काम हैं, पहला ये चांद के पोलर रीजन के हाई रिजोल्यूशन मैपिंग के बारे में जानकारी देता है। दूसरा, ये पोलर रीजन पर मौजूद पानी या बर्फ के बारे में बताता है। इसके बाद ये रिगोलिथ की मोटाई और इसके फैलाव के बारे में जानकारी देता है। चंद्रयान 2 में इस्तेमाल किया गया यह पेलोड चंद्रयान 1 में इस्तेमाल किए गए पेलोड से ज्यादा अपग्रेडेड फीचर के साथ आता है।

एट्मोस्फेरिक कॉम्पोजिशनल एक्सप्लोरर (CHACE 2)

इस पेलोड का इस्तेमाल चंद्रयान 1 के लिए किए गए पेलोड से अपग्रेडेड फीचर के साथ डेवलप किया गया है। ये चांद के न्यूट्रल एक्जोस्फ्हेयर और इसकी वेरियेबिलिटी के बारे में पता लगाएगा।

ड्यूल फ्रिक्वेंसी रेडियो साइंस (DFRS)

ये पे लोड चांद के लूनर आयोनोस्फ्हेयर के बारे में अध्ययन करेगा। इसके अलावा ये धरती के डीप स्टेशन नेटवर्क रिसीवर से सिग्नल रिसीव करता है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.