Amazon सौ से ज्यादा शहरों में पैकेजिंग फ्री प्रोडक्ट करेगी सप्लाई
Amazon ने 9 शहरों में जून 2019 में पहली बार भारत में पीएफएस को लॉन्च किया था और अब कंपनी ने एक साल में ही 100 से ज्यादा शहरों तक इसका विस्तार कर दिया है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Amzon ने पैकेजिंग-फ्री शिपिंग (PFS) की मुहिम शुरू की थी। कंपनी ने अब इसका दायरा बढ़ाकर 100 शहरों तक कर दिया है। मतलब अब देश के 100 शहरों तक Amazon की तरफ से ऐसे प्रोडक्ट की सप्लाई करेगा, जिनकी पैकेजिंग वातावरण के लिए कम खतरनाक हो। कंपनी इस मुहिम में Amazon फुलफिलमेंट नेटवर्क से ग्राहकों के 40% से अधिक ऑर्डर्स अब सेकेंडरी पैकेजिंग के बिना भेज रही है। या इनकी पैकेजिंग को कम कर रही है। PFS एक स्थायी पैकेजिंग समाधान है जिसमें ग्राहकों के ऑर्डर्स को उनकी मूल पैकेजिंग में ही भेजा जाता है। इसके लिए कोई अतिरिक्त पैकेजिंग नहीं की जाती या फिर बहुत कम पैकेजिंग की जाती है। Amazon ने 9 शहरों में जून 2019 में पहली बार भारत में पीएफएस को लॉन्च किया था और अब कंपनी ने एक साल में ही 100 से ज्यादा शहरों तक इसका विस्तार कर दिया है।
पीएफएस के साथ, ग्राहकों के कई ऑर्डर्स डिलिवरी के दौरान पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले डब्बों में भेजा जाता है। पीएफएस एल्गोरिदम टेक्नोलॉजी का लाभ उठाती है और यह ग्राहक की लोकेशन, ऑर्डर पहुंचाने की दूरी, ऑर्डर किए गए प्रोडक्ट की कैटेगरी जैसे मानकों पर आधारित ऑर्डर्स पर लागू होती है। अमेज़न के व्यापक और तेज़ी से बढ़ रहे सेलेक्शन के साथ, Amazon.in पैकेजिंग सुरक्षा के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
यह प्रोडक्ट और परिवहन की स्थितियों पर निर्भर करता है। जिन उत्पादों को पैकेजिंग-फ्री भेजा जा रहा है, उनमें शामिल हैं टेक एसेसरीज, होम एवं होम इम्प्रूवमेंट प्रोडक्ट्स, जूते, लगेज और भी बहुत कुछ । लिक्विड, नाजुक वस्तुएं और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स जिन्हें परिवहन के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है, को पैकेजिंग के साथ भेजना जारी है। प्रकाश कुमार दत्ता, डायरेक्टर (कस्टमर फुलफिलमेंट एवं सप्लाई चेन) अमेज़न इंडिया के डायरेक्टर प्रकाश कुमार दत्ता ने कहा कि अमेज़न इंडिया में हम ऐसे नए-नए और स्थायी पैकेजिंग समाधानों को बनाने पर काम कर रहे हैं जो हमें अपशिष्ट को कम करने में मदद करेंगे। हम ई-कॉमर्स फ्रेंडली पैकेजिंग प्रदान करने के लिए कई ब्रांड्स के साथ काम कर रहे हैं ताकि सेकेंडरी पैकेजिंग के उपयोग को कम किया जा सके।
(Written By- Saurabh Verma)