Jagran Trending: मेटावर्स और वर्चुअल दुनिया में क्या है फर्क, जानें पूरी डिटेल
difference between metaverse and virtual Reality दरअसल मेटावर्स ही इंटरनेट की दुनिया का भविष्य है। जैसे आज हर व्यक्ति वीडियो कॉलिंग सोशल मीडिया ऐप और कॉन्फ्रेंसिंग से मात्र एक क्लिक से जुड़ जाता है। वैसे ही आने वाले दिनों में हर व्यक्ति मेटावर्स से जुड़ जाएगा।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Difference in metaverse and Virtual Reality: मेटावर्स यानी वर्चु्अल वर्ल्ड को लेकर काफी चर्चा हो रही है। हालांकि मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी को लेकर काफी कंफ्यूजन मौजूद है। दअसल मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी को एक ही माना जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है। आज हम मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी के इसी अंतर को समझाने की कोशिश करेंगे। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से..
मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी में क्या अंतर है?
ट्रेस नेटवर्क लैब्स के सीईओ और को फ़ाउंडर लोकेश राव के मुताबिक मेटावर्स एक वर्चुअल स्पेस है, जहां कई सारे लोग आपस में रियल लाइफ की सारी चीजें वर्चुअल स्पेस में कर पाते हैं। वही वर्चुअल रियलिटी, मेटावर्स स्पेस बनाने की टेक्नोलॉजी है। वर्चुअल रियलिटी एक मेटावर्स की सुविधा देने वाली टेक्नोलॉजी है। वीआर ग्लासेस, वर्चुअल रियलिटी का सटीक उदाहरण है।
क्या है मेटावर्स
दरअसल, मेटावर्स ही इंटरनेट की दुनिया का भविष्य है। जैसे आज हर व्यक्ति वीडियो कॉलिंग, सोशल मीडिया ऐप और कॉन्फ्रेंसिंग से मात्र एक क्लिक से जुड़ जाता है। वैसे ही आने वाले दिनों में हर व्यक्ति मेटावर्स से जुड़ जाएगा। अभी की इंटरनेट की दुनिया 2D यानी दो डायमेंशन वाली है। लेकिन मेटावर्स की दुनिया 3D यानी तीन डायमेंशन वाली होगी। लेकिन यह 3D फिल्म देखने जैसी बिल्कुल नहीं होगी। मेटावर्स की दुनिया बिल्कुल रियल लाइफ की तरह होगी। जहां आप वो हर वो काम कर पाएंगे, जो रियल लाइफ में करते हैं। मेटावर्स में आप बिल्कुल रियल लाइफ की तरह महसूस कर पाएंगे। ऐसी उम्मीद है कि आने वाले 10 से 15 वर्षों या फिर इससे कम समय में रियल लाइफ और वर्चुअल लाइफ का फर्क बेहद कम हो जाएगा।
क्या है वर्चुअल रियलिटी
वर्चुअल रियलिटी को शार्ट में वीआर के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब है कि कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मदद से एक ऐसी दुनिया बनाई जाती है, जिसे मेटावर्स कहते हैं। साधारण शब्दों में कहें, तो मेटावर्स बनाने की टेक्नोलॉजी को वर्चुअल रियलिटी कहते हैं। जिसमें वीआर का इस्तेमाल करके व्यक्ति रियल में उस दुनिया का लुत्फ उठा सकता है। वर्चुअल रियलिटीट को बनाने के लिए खास तरह के चश्मे पहनने को होते है। इस खास तरह के चश्मे बनाने की दिशा में फेसबुक, ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। साथ ही मेटावर्स के बेहतर एक्सपीरिएंस के लिए फाइबर दस्ताने बनाए जा रहे हैं. साथ रियल लाइफ एक्सपीरिएंस देने के लिए नए तरह के सेंसर्स पर काम किया जा रहा है, जहां अगर आप किस करेंगे या फिर सिगरेट पिएंगे, तो आपको वास्तविक एहसास होगा।
Edited By: Saurabh Verma