एप्पल के नए आईफोन्स में होगी eSim, जानें क्या है eSim, कैसे करती है काम और इसके फायदें
eSIM से जुड़े सवालों का जवाब मिलेगा यहां, पढ़ें
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स को तो ड्यूल सिम टेक्नोलॉजी को अपनाए काफी समय हो गया है। लेकिन आईफोन ने इस फीचर को अंततः अपना लिया है। अपने 2018 इवेंट में एप्पल ने नए आईफोन में ड्यूल सिम टेक्नोलॉजी को पेश किया है। ड्यूल सिम कनेक्टिविटी का यह फीचर भारत, चीन और अन्य एशियाई देशों में यूजर्स को आकर्षित करेगा। अगर आप आईफोन लेने की सोच रहे हैं तो अब आप एक फोन में दो सिम का प्रयोग कर पाएंगे।
हालांकि, चीन को छोड़कर सभी देशों में आईफोन में उपलब्ध ड्यूल सिम कनेक्टिविटी रेगुलर सिम ट्रे के साथ फोन में इनबिल्ट eSIM स्लॉट के साथ आएगी। इसका मतलब यह है की ड्यूल सिम का प्रयोग तभी किया जा सकेगा जब आपका ऑपरेटर eSIM सपोर्ट करता हो। कंपनी ने इवेंट के दौरान बताया था की एयरटेल, जियो और वोडाफोन eSIM सपोर्ट करने वाली लिस्ट में शामिल है। इसके साथ ही कंपनी की अन्य ऑपरेटर्स से भी बातचीत चल रही है। ध्यान रहे, वोडाफोन ग्लोबल ऑपरेटर है और हो सकता है की यह ऑपरेटर भारत में eSIM सपोर्ट ना करे।
सबसे पहले जानते हैं eSIM की हिस्ट्री: 2016 में सैमसंग गियर S2 3G eSim को सपोर्ट करने वाली पहली डिवाइस थी। हालांकि, यह टेक्नोलॉजी एप्पल वॉच सीरीज 3 में आने के बाद स्पॉटलाइट में आई। इसके बाद यह सेल्युलर इनेबल आईपैड्स और गूगल पिक्सल 2 में भी देखने को मिला।
क्या है eSim?
फिजिकल सिम से अलग eSim एक छोटा सा, दोबारा प्रोग्राम किया जा सकने वाला रिमूवेबल सिम कार्ड होता है। इसका साइज 6mm बाय 5mm है जो आईफोन के मदरबोर्ड पर लगाई जाएगी। eSim यूजर्स को सिम कार्ड बदले बिना ऑपरेटर बदलने की सुविधा देती है। साधारण भाषा में eSIM एक ऐसा सिम कार्ड है जो डिवाइस बोर्ड में ही लगाया जा सकता है। इससे चिप होल्ड करने वाले प्लास्टिक कार्ड की जरुरत खत्म हो जाती है। आपने सिम कार्ड को होल्ड करने वाली ट्रे, प्लास्ट की कार्ड और लॉक करने वाली तकनीक को अपने फोन में देखा ही होगा। eSIM इन सब चीजों की जरुरत खत्म कर देती है। यह चिप साइज में काफी छोटी होती है, लेकिन सामान्य सिम के सभी काम पूरे करती है।
eSim के फायदे: eSIM फिजिकल सिम कार्ड की तरह नहीं होती। इसके छोटे साइज की वजह से इसे स्मार्टवॉच में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी के साथ eSIM को फिजिकल सिम की तरह बदला नहीं जा सकता। यह साफ होना बाकि है की फोन में eSIM का सेटअप किस तरह किया जाएगा और ऑपरेटर बदलना हो तो इसकी क्या प्रक्रिया होगी।
क्या भारत में eSIM सपोर्ट उपलब्ध है?
भारत में एयरटेल और रिलायंस जियो ही केवल eSIM सपोर्ट ऑफर करते हैं। दोनों ही कंपनियों ने नए नेटवर्क को सपोर्ट करने के लिए स्पेशल सेल्युलर सेवा लॉन्च की है।
प्राइज वॉर: eSIM के मेनस्ट्रीम में आने के बाद ऑपरेटर्स के लिए उपभोक्ताओं को अपने साथ बनाए रखने में बड़ी मुश्किल आ सकती है। इससे भविष्य में टेलिकॉम क्षेत्र में प्राइज वॉर देखने को मिल सकती है। हालांकि, अभी आईफोन में ही eSIM देखने को मिल रही है। यह सुविधा जब तक आम नहीं होती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।
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