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पहले से की गईं ये 5 तैयारियां फोन के चोरी होने या खोने पर आती हैं बड़े काम

इन 5 तरीकों की मदद से आप अपने स्मार्टफोन से लेकर सोशल मीडिया तक के डाटा को वायरस से लेकर हैकर्स और चोर से बचा सकते हैं।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 03:49 PM (IST)
पहले से की गईं ये 5 तैयारियां फोन के चोरी होने या खोने पर आती हैं बड़े काम

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। कहते हैं कि एक समझदार व्यक्ति किसी भी परेशानी से निपटने के लिए उसकी पहले से ही तैयारी कर लेता है। ऐसे ही आज हम आपको उन तैयारियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन के डाटा से लेकर बैंकिंग और सोशल मीडिया की जानकारी को वायरस, हैकिंग और चोरी से बचा सकते हैं। इसके अलावा अगर आपका फोन चोरी हो जाए या फिर हैक हो जाए तब ये तरीके आपके बहुत काम आएंगे। तो डालते हैं एक नजर

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सिक्योरिटी फीचर

अपने फोन में फेस अनलॉक, फिंगरप्रिंट या फिर पिन जैसी सिक्योरिटी फीचर का जरूर इस्तेमाल करें। इससे अगर आपका फोन कहीं गिर जाता है या चोरी हो जाता है, तो आपके डाटा का कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

एंटी वायरस

फोन को वायरस और हैकर्स से बचाने के लिए एंटी वायरस एक बेहतर विकल्प है। एंटी वायरस आपके फोन को वायरस के साथ-साथ हैकर्स से भी बचाने का काम करते हैं। कई एंटी वायरस में आपको ऐसे फीचर्स मिलते हैं जिनकी मदद से आप फोन के चोरी या खोने पर उसकी लोकेशन का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा इन ऐप्स के जरिए आप चोर की फोटो को भी देख सकते हैं।

2 फेक्टर ऑथेंटिकेशन

ज्यादा तर ऑन लाइन सेवाओं में यह फीचर आपको मिलता है। इसका फायदा यह है कि अगर आपके अकाउंट का पासवर्ड किसी को पता भी चल जाए तो वह कुछ नहीं कर पाएगा। दरअसल 2 फेक्टर ऑथेंटिकेशन सिक्योरिटी में पासवर्ड इंटर करने पर सिस्टम आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजता है। इस कोड को इंटर करने के बाद ही आपका अकाउंट खुलता है। यह फीचर फोन के चोरी हो जाने पर आपके सोशल मीडिया अकाउंट को बचाने में बहुत काम आता है।

एप लॉग आउट

कई यूजर दोबारा पासवर्ड डालने से बचने के लिए अपने वॉलेट एप को लॉग आउट नहीं करते हैं। ऐसे में अगर आप भी ऐसी गलती करते हैं तो अब न करें। दरअसल एप को लॉग आउट न करने पर इसका कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर आपका फोन चोरी हो जाता या फिर किसी गलत हाथ में लग जाता है, तो आपके वॉलेट से कोई भी खरीदारी कर सकता है।

सॉफ्टवेयर अपडेट

कंपनियां या डेवेलपर्स स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर से लेकर ऐप्स तक के फीचर्स में लगातार बदलाव करते रहते हैं। इन बदलावों को यूजर्स की सुविधा के अलावा फोन को वायरस और हैकर्स से बचाने के लिए किया जाता है। लेकिन सवाल से है कि यह बदलाव होते कैसे हैं, तो इसका जवाब है अपडेट से। आप अपने फोन के ऐप्स को जब भी अपडेट करते हैं तो उसके फीचर्स में कुछ न कुछ बदलाव होते हैं। ऐसे में फोन के ऐप्स को अपडेट न करने के कारण आपके फोन में वायरस से लेकर हैकिंग तक का खतरा बढ़ जाता है।

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