10 Smartphone Myths 2022: फोन से जुड़े वो 10 झूठ, जिसे आज भी दुनिया मनाती है सच
Smartphone Myths 2022 तकनीक की दुनिया कई तरह के रोमांच से भरपूर है जिसे पहले तक चमत्कार माना जाता था वो आज हकीमत का हिस्सा हैं। लेकिन इन हकीकत में स्मार्टफोन से जुड़े कई दावें झूठे हैं.. आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से..
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Smartphone Myths 2022: टेक्नोलॉजी की दुनिया में कई तरीके की गलत धारणाएं फैली है, जिसे साइंस की दुनिया में झूठ साबित किया जा चुका है। लेकिन इसके बावजूद आज भी लोग फोन से तमाम तरह के झूठ को सच मान रहे हैं। ऐसे में आज हम फोन से जुड़े 10 झूठ के बारे में बताएंगे, जो इस प्रकार हैं...
रातभर बैटरी ना चार्ज करना
ज्यादातर लोग मानते हैं कि रातभर बैटरी चार्ज करने से फोन की बैटरी जल्दी खराब हो जाती है। लेकिन यह सच नहीं है। क्योंकि बैटरी फुल चार्ज होने पर चार्जर अपने ऑफ चार्जिंग ऑफ कर देता है। ऐसे में बैटरी खराब होने की खबर पूरी तरह गलत है.
ऑटोमेटिक ब्राइटनेस ऑन से कम बैटीर खर्च
फोन में ऑटोमेटिक ब्राइटनेस फीचर ऑन करने पर बैटरी लंबी चलती है। लेकिन ऐसा सच नहीं है। ऑटोमेटिक बैटरी फीचर सेट करने पर ज्यादा बैटरी खर्च होती है। क्योंकि तेज धूप या फिर अंधेरे में ज्यादा ब्राइटनेस की जरूरत होती है।
बैकग्राउंड ऐप बंद होने से कम खर्च होती है बैटरी
ऐसा माना जाता है कि बैकग्राउंड के ऐप्स बंद करने से फोन की बैटरी ज्यादा देर चलती है। लेकिन यह सच नहीं है। ऐपल और गूगल एल्गोरिदम पर काम करते हैं, जिसमें ऐप रिफ्रेश ना होने पर ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं।
ज्यादा मेगापिक्सल मतलब ज्यादा अच्छी फोटो
ज्यादा मेगापिक्सल वाले स्मार्टफोन के कैमरे को ज्यादा अच्छा माना जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर ऐसा होता है, तो DSLR से फोन के मुकाबले अच्छी फोटो नहीं आती है। अच्छे कैमरे लिए मेगापिक्सल के साथ कई अन्य चीजें जरूरी होती हैं।
फ्री वाई-फाई सेफ्टी
ज्यादातर लोग फ्री वाई-फाई को सुरक्षित मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। फ्री वाई-फाई सुरक्षित नहीं होता है। खासतौर पर जब आप ट्रैवल करते हैं, तो फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3G के मुकाबले 4G में ज्यादा होती है डेटा खपत
ऐसा माना जाता है कि 4G में ज्यादा डेटा खपत होती है। लेकिन ऐसा सच नहीं है, यूजर्स जितना ज्यादा डेटा खपत करेंगें, उसी हिसाब से डेटा खपत होती है। हां, ये हो सकता है कि 4G में तेज डेटा मिलता है, जिससे हाई क्वॉलिटी और फास्ट स्पीड की वजह से ज्यादा डेटा खपत होती है।
स्मार्टफोन के रेडिएशन से होता है कैंसर
ऐसा माना जाता है कि स्मार्टफोन से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर हो जाता है। लेकिन यह सच नहीं है। स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडिएशन कैंसर के लिए जिम्मेदार नहीं होता है. फोन से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिशन की फ्रिक्वेंसी पूरी तरह से सुरक्षित होती हैह।
फोन के साथ क्रेडिट कार्ड ना रखना
अक्सर आपने देखा होगा कि लोग क्रेडिट कार्ड के साथ स्मार्टफोन ना रखने की सलाह देते हैं। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि क्रेडिट कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप खराब हो सकती है। लेकिन ऐसा सच नहीं है। स्मार्टफोन के साथ क्रेडिट कार्ड रखना पूरी तरह से सेफ है।
चार्जिंग के वक्त स्मार्टफोन इस्तेमाल ना करें
ऐसा माना जाता है कि फोन को चार्जिंग के वक्त इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लेकिन ऐसा सच नहीं है, स्मार्टफोन को चार्जिंग के वक्त इस्तेमाल से आपकी हेल्थ को नुकसान नहीं पहुंचता है। साथ ही स्मार्टफोन खराब भी नहीं होता है।
गीले फोन के लिए करें हेयरड्रेशर
गीले फोन को सुखाने के लिए हेयरड्रायर इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता है। हेयरड्रायर आपके स्मार्टफोन के हीटिंग के लिए जिम्मेदार होता है। इससे फोन खराब हो सकता है।