Twitter ने यूजर्स से मांगी माफी, 5G और COVID-19 संबंधित भ्रामक ट्वीट्स लेबल करने में हुई गलती
कई यूजर्स ने रिपोर्ट किया है कि उनके कई ट्वीट्स कोरोनावायरस संबंधित फैक्ट चेक के बाद मिसलेबल्ड हो गए हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter ने साफ किया है कि वो 5G या कोरोनावायरस संबंधित भ्रामक ट्वीट्स को फ्लैग करने में हुई गलती को ठीक करेगा। कई यूजर्स ने रिपोर्ट किया है कि उनके कई ट्वीट्स कोरोनावायरस संबंधित फैक्ट चेक के बाद मिसलेबल्ड हो गए हैं। Twitter ने यूजर्स की इस समस्या के जबाब में कहा है कि पिछले कुछ हफ्तों में, आपने COVID-19 के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए लेबल वाले ट्वीट्स देखे होंगे। उन सभी ट्वीट्स में COVID-19 और 5G को जोड़ने वाली संभावित भ्रामक सामग्री नहीं थी। हम किसी भी भ्रम के लिए क्षमा चाहते हैं और हम अपनी लेबलिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
In the last few weeks, you may have seen Tweets with labels linking to additional info about COVID-19. Not all of those Tweets had potentially misleading content associating COVID-19 and 5G. We apologize for any confusion and we're working to improve our labeling process. (1/4)
— Twitter Support (@TwitterSupport) June 26, 2020
आपको बता दें कि Twitter ने इस महीने की शुरुआत में COVID-19 और 5G से जुड़े हए ट्वीट्स को फैक्ट चेक करके लेबल करना शुरू किया है। इन ट्वीट्स में Twitter ने COVID-19 के बारे में अतिरिक्त जानकारी वाले लिंक्स लेबल करके जोड़े हैं। इन ट्वीट्स में Twitter '5G की वजह से कोरोनावायरस नहीं होता है' टाइटल को जोड़े हैं। पहले एक ऐसी कॉन्सपिरेसी थ्योरी सामने आ रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि कोरोनावायरस के फैलने के पीछे की वजह 5G मोबाइल टावर को इंस्टॉल करना है, इस थ्योरी को अब खारिज किया जा चुका है।
Twitter ने ट्वीट्स के साथ फैक्ट चेक लेबल इसी वजह से लगाया ताकि यूजर्स को वार्न किया जा सके कि कोरोनावायरस से संबंधित यह जानकारी भ्रामक है और इस पर विश्वास न करें। अप्रैल में कंपनी ने कई कोरोनावायरस से संबंधित भ्रामक ट्वीट्स को डिलीट किया था। कॉन्सपिरेसी थ्योरी के मुताबिक, 5G फ्रिक्वेंसी की वजह से वातावरण में ऑक्सीजन खत्म हो रहा है। इसलिए Twitter ने फ्रिक्वेंसी और ऑक्सीजन की वर्ड को ट्रिगर करके ट्वीट्स को लेबल करना शुरू किया है।
Twitter सपोर्ट ने अपने ट्वीट में कहा कि वो अब एक नई ऑटोमेटेड कैपेबिलिटीज को इन ट्वीट्स को लेबल करने के लिए अप्लाई करेंगे जो कि रिलेवेंट हो। उनका लक्ष्य मिसलेबल्ट ट्वीट्स के नंबर को कम करना है। हालांकि, ये अभी नहीं कहा जा सकता है कि कब तक इसे फिक्स किया जाएगा।