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Facebook ने साल की पहली तिमाही में हटाए घृणा और आतंकवाद फैलाने वाले 47 लाख पोस्ट

Facebook ने मंगलवार को सूचित किया कि अगर साल 2017 की दूसरी छमाही की बात करें तो Facebook प्लेटफार्म से घृणा और अपराध फैलाने वाले सूचनाओं को हटाने में 6 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई

By Harshit HarshEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:29 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 12:36 PM (IST)
Facebook ने साल की पहली तिमाही में हटाए घृणा और आतंकवाद फैलाने वाले 47 लाख पोस्ट
Facebook ने साल की पहली तिमाही में हटाए घृणा और आतंकवाद फैलाने वाले 47 लाख पोस्ट

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Facebook ने कोरोनावायरस के दौर में गुमराह करने वाली गलत सूचनाओं पर लगाम लगाने की कोशिश शुरू की थी। इसके तहत अब तक कंपनी नेकोरोनावायरस से जुड़ी 5 करोड़ गलत सूचनाओं की पहचान की है और ऐसी सूचनाओं को प्रतिबंधित करने से पहले उन्हें खतरनाक सूचनाओं की कैटेगरी में शामिल किया है। साथ ही साल 2020 की पहली तिमाही में घृणा और आतंकवाद फैलाने वाले करीब 47 लाख रुपए पोस्ट हटाए हैं। इससे पहले साल 2019 की आखिरी तिमाही में ऐसे करीब 16 लाख पोस्ट Facebook प्लेटफार्म से हटाए गए थे। वहीं इससे पहले भी हेट स्पीच के 96 लाख और 57 लाख पोस्ट हटाए जा चुके हैं।

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Facebook ने मंगलवार को सूचित किया कि अगर साल 2017 की दूसरी छमाही की बात करें, तो Facebook प्लेटफार्म से घृणा और अपराध फैलाने वाले सूचनाओं को हटाने में 6 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। Facebook के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क जकरबर्ग ने कहा कि गलत सूचनाओं की पहचान करके उनकी लेबलिंग करना काफी कारगर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वार्निंग लेबल वाली सूचनाओं पर 95 फीसदी यूजर्स क्लिक नहीं करते हैं।

कंपनी का मानना है कि पांचवी कम्यूनिटी स्टैंडर्ड इंफोर्समेंट रिपोर्ट साल 2018 की रिपोर्ट के मुकाबले ज्यादा सटीक है। इनमें Facebook के मैसेंजर और Whatsapp मोबाइल ऐप को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में पिछले साल फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम को शामिल किया गया था और उस पर भी कंपनी के नियमों को लागू करने की जानकारी दी गई थी। ऐसे में इस साल तिमाही आधार पर Instagram का भी डाटा जारी किया जाएगा।

Facebook ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि उसने Proactive detection Technology को शामिल किया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से गलत सूचनाओं की पहचान करके उन्हें प्रतिबंधित किया जाता है। वहीं अब टेक्नोलॉजी को इंप्रूव करके वॉयस, इमेज और वीडियो फार्म में फैलाई जा रही हानिकारक सूचनाओं की पहचान की जा रही है और उन्हें हटाया जा रहा है। साथ ही ड्रग और आपत्तिजनक कंटेंट को भी हटाने में कंपनी को टेक्नोलॉजी स्तर पर काफी मदद मिल रही है।

(Written By: Saurabh Verma)


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