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Facebook ने पाई 5 हजार से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स में खामियां, किया गया फिक्स

Facebook ने 5 हजार से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स में खामियों का पता लगाया है और यह कबूल किया है कि इनेक्टिव यूजर्स के डाटा गलती से इन्हें शेयर हो रहे थे।

By Harshit HarshEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 01:50 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 01:53 PM (IST)
Facebook ने पाई 5 हजार से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स में खामियां, किया गया फिक्स
Facebook ने पाई 5 हजार से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स में खामियां, किया गया फिक्स

नई दिल्ली, टेक डेस्क। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook ने 5 हजार से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स में खामियों का पता लगाया है और यह कबूल किया है कि इनेक्टिव यूजर्स के डाटा गलती से इन्हें शेयर हो रहे थे। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी है। Facebook ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि उनके डेवलपर्स ने इनमें खामियों का पता लगाया है और फ्रिक्वेंटली यूज होने वाले ऐप्स के लिए डाटा लिमिट को इंप्रूव किया जा रहा है। Facebook ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि इन थर्ड पार्टी ऐप्स के डेवलपर्स के पास उन यूजर्स की भी जानकारियां पहुंच रहीं थीं, जिन्होंने 90 दिनों से ज्यादा समय से थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल नहीं किया है।

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हालांकि, कंपनी ने यह साफ नहीं किया है कि इस खामी की वजह से कितने यूजर्स प्रभावित हुए हैं। थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर्स के पास यूजर्स की जो जानकारियां शेयर हो रहीं थी उनमें यूजर्स के ई-मेल अड्रेस, जन्मतिथि, जेंडर और भाषा आदि की जानकारियां शामिल हैं।

इस तरह आई खामी?

Facebook ने अपने ब्लॉग में कहा है कि अगर कोई एक्टिव यूजर किसी इनेक्टिव यूजर के फ्रेंड लिस्ट में शामिल है तो थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर्स के पास यूजर के फ्रेंडलिस्ट में शामिल इनेक्टिव यूजर का डाटा रिसीव हो रहा था। ये खामी उन थर्ड पार्टी ऐप्स में देखी गई है जिन्हें इनेक्टिव यूजर ने पहले ऑथोराइज किया था। Facebook ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि उनके पास जैसे ही इस खामी की जानकारी मिली, इसे फिक्स कर लिया गया।

Facebook ने 2018 में सामने आई कैम्ब्रिज एनालिटिका डाटा लीक के बाद से थर्ड पार्टी ऐप्स के लिए 90 दिनों की लिमिट्स को इंट्रोड्यूस किया था। इस लिमिट में अगर यूजर किसी थर्ड पार्टी ऐप को 90 दिनों तक इस्तेमाल नहीं करते हैं यूजर की जानकारी थर्ड पार्टी ऐप्स के पास नहीं रहती है। ऐसे में अगर यूजर 90 दिनों के बाद उस थर्ड पार्टी ऐप को दोबारा इस्तेमाल करता है तो ऐप को फिर से ऑथोराइज्ड करना पड़ता है।

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