मार्क जुकरबर्ग ने कहा Sorry, डाटा लीक मामले में मानी गलती
फेसबुकः जुकरबर्ग ने मानी गलती, बोले- हमारा डेटा लीक हुआ, कई बदलाव के ऐलान किए
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। मार्क जुकरबर्ग को डाटा लीक मामले में लंबे समय से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अब फेसबुक के मुख्य अधिकारी जुकरबर्ग ने चुप्पी तोड़ दी है। इस मामले में जुकरबर्ग ने दो अरब फेसबुक यूजर्स से माफी मांगी है। इसी के साथ डाटा को आने वाले समय में सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाने की बात भी कही है। इस मामले में 5 करोड़ लोगों का डाटा लीक हुआ है। ऐसे में फेसबुक यूजर्स आक्रोश में है और कई यूजर्स ट्विटर के माध्यम से फेसबुक अकाउंट डिलीट करने की बात भी कह रहे हैं।
क्या कहा मार्क जुकरबर्ग ने?
उन्होंने अपने बयान में कहा- '' फेसबुक को मेरे द्वारा शुरू किया गया है और इससे जुडी किसी भी मामले के लिए मैं जिम्मेदार हूं। फेसबुक यूजर्स का डाटा सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मेरी है और अगर ऐसा करने में नाकामी का मतलब है की हम आपकी सेवा करने के लायक नहीं हैं।'' उन्होंने माना की कंपनी को इस बाबत बहुत कुछ करने की जरुरत है।
क्या है पूरा मामला? आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा की आखिर इतने बड़े स्तर पर डाटा की चोरी कैसे हुई? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डाटा को एक एनालिस्ट (विश्लेषक) की ओर से एकत्रित किया गया। फेसबुक के अनुसार- इस विश्लेषक की ओर से एक सर्वे दिया गया था, जिसे 270000 यूजर्स ने भरा है। यह सर्वे सिर्फ उन यूजर्स से ही नहीं बल्कि उनके दोस्तों आदि से भी भरवाया गया। इन यूजर्स को इस सर्वे से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं थी। सर्वे के बाद ये सारी जानकारी कैम्ब्रिज एनलिटिका को दे दी गई जो की फेसबुक के नियमों के खिलाफ है। अब इस पर सवाल उठ रहे हैं की इस डाटा का आखिर क्या किया गया?
जवाब देने के लिए जुकरबर्ग तैयार : आरोप लगे हैं की अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने के लिए कैम्ब्रिज एनलिटिका ने फेसबुक के यूजर्स की प्रोफाइल्स की चोरी की थी। इसे इलेक्शन के दौरान गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। यह खबर मिलने पर अमेरिकी और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक से जवाब-तलब किया है। अपनी गलती मानते हुए जुकरबर्ग ने कहा है की वह अमेरिकी कांग्रेस के सामने मामले से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
डाटा रेगुलेशन की सख्त जरुरत: फेसबुक के फिलहाल 2.1 बिलियन यूजर्स एक्टिव हैं। इनमें से 1.4 बिलियन यूजर्स रोजाना साइट का इस्तेमाल करते हैं। सोशल नेटवर्किंग साईट होने के चलते इस पर लोग नियमित तौर पर अपने विचार, फोटोज और लाइफ इवेंट्स शेयर करते हैं। इससे फेसबुक के पास किसी भी कंपनी या व्यक्ति की हाई रिजोल्यूशन पिक्चर और जानकारी साझा हो जाती है। यह जानकारी लीक होने पर इसका कई बड़े स्तर पर गलत तरह से प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है की क्या आने वाले समय में प्राइवेसी प्रोटेक्शन और डाटा रेगुलेशन को लेकर कानून बनाए जाएंगे या नहीं? क्योंकि इस बड़े डाटा चोरी के मामले के बाद यूजर्स की निजी जानकारी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कानूनों की सख्त जरुरत लगती है।
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