JPEG फोटो का क्यों होता है ट्विटर-फेसबुक पर इस्तेमाल, जानें PNG फॉर्मेट में क्यो बनते हैं LOGO
सोशल मीडिया पर JPEG फॉर्मेट वाले फोटो को अपलोड करना बेहतर होता है। जबकि वेबसाइट का LOGO बनाने के लिए PNG फॉर्मेट बेहतर होता है।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। आप अकसर JPEG और PNG फॉर्मेट के बारे में सुनते होंगे लेकिन क्या आपको इन फॉर्मेट्स के बारे में पता है। क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया पर क्यों JPEG फॉर्मेट फोटो अपलोड होते हैं और क्यों वेबसाइट्स के LOGO PNG फॉर्मेट में बनते हैं। आज हम आपको इन दोनों फॉर्मेट की खासियत और इनके इस्तेमाल के बारे में बताने जा रहे हैं।
JPEG
डिजिटल फोटोग्राफी और ऑन लाइन इमेज शेयरिंग में JPEG एक स्टेंडर्ड कम्प्रेस्ड फॉर्मेट है, जो फाइल की साइज और क्वालिटी को बारिकी से बैलेंस करता है। एक स्टेंडर्ड JPEG इमेज का कम्प्रेशन रेश्यो 10:1 होता है। यानी अगर आप 10 एमबी की एक फोटो को JPEG फॉर्मेट में एक्सपोर्ट करते हैं तो आपके फोटो की साइज करीब 1 एमबी की हो जाएगी। लेकिन आपका फोटो देखने में वैसा ही रहेगा। हालांकि ये आपके फोटो के कंटेंट पर भी निर्भर करता है।
साइज के कंप्रेशन के लिए JPEG डिस्क्रिट कोसाइन ट्रांसफॉर्म (DCT) पर निर्भर करता है। इस गणित के पीछे एक ऐसा एल्गोरिथम काम करता है जो आपकी फोटो का निरिक्षण करता है। इसके बाद ये एक पिक्सल को दूसरे पिक्सल में जोड़ देता है।
यह प्रक्रिया काफी कारगर है लेकिन ये आपके फोटो की कई जानकारियों को खत्म कर देता है। ऐसे में फोटो की जो जानकारी खत्म हो जाती है उसे रिस्टोर नहीं किया जा सकता है। आसान भाषा में समझें तो आपके 10 एमबी फोटो की साइज 1 एमबी की हो गई। फोटो देखने में भी वैसा ही लग रहा है। लेकिन जब आप फोटो को जूम करते हैं तो फोटो पिक्सल्स में फटने लगती है। फोटो जूम करने पर जो क्वालिटी पहले आ रही थी अब वो क्वालिटी नहीं मिल रही है।
इसलिए जिन फोटो को हमें बचाकर रखना होता है, उन्हें JPEG फॉर्मेट में कनवर्ट नहीं करना चाहिए। इसलिए ज्यादा तर बड़े एडिटिंग सॉफ्टवेयर्स में फोटो की ओरिजिनल फाइल को डिलीट करने से पहले एक नोटिफिकेशन आता है। PDF फाइल को JPEG फॉर्मेट में कनवर्ट करने से पहले उसकी क्वालिटी को हमेशा हाई रखना चाहिए। JPEG, RGB और CMYK को स्पोर्ट करता है।
PNG
पोर्टेबल नेटवर्क ग्राफिक्स (PNG) एक बिना लॉस होने वाली फाइल फॉर्मेट है। यह एक तरह से ग्राफिक्स इंटरचेंज फॉर्मेट (GIF) का विकल्प है।
JPEG, DCT कम्प्रेशन पर निर्भर करता है। जबकि PNG, LZW कम्प्रेशन पर काम करता है, जो कि GIF और TIFF फॉर्मेट में भी इस्तेमाल होता है। JPEG फाइल के मुकाबले PNG फाइल का साइज ज्यादा बड़ा होता है।
PNG फाइल का जो सबसे बड़ा फायदा है वो ये कि इसके कम्प्रेशन में फोटो की क्वालिटी नहीं घटती है। उदाहरण के रूप में जब भी आप किसी फोटो को PNG फॉर्मेट में एक्सपोर्ट करते हैं फोटो की क्वालिटी घटती नहीं है। फोटो में वहीं डेप्थ क्वालिटी नजर आती है जो पहले रहती है। यही कारण है कि जब भी आप स्क्रीन शॉट लेते हैं तो उसकी डिफाल्ट फाइल फॉर्मेट PNG होती है। PNG में पिक्सल फॉर पिक्सल की जानकारी मिलती है।
PNG फाइल की एक और बड़ी खासियतों में से एक इसका ट्रासंपैरेंट(पारदर्शी) होना है। वेबसाइट्स पर इस्तेमाल होने वाला ‘लोगो’ PNG फॉर्मेट का होता है। PNG फाइल को आप जितनी बार भी सेव करते हैं फोटो की क्वालिटी नहीं घटती है।
कौन है बेहतर?
JPEG और PNG में कोई भी किसी से ज्यादा बेहतर नहीं है। ये बस इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा फॉर्मेट आपको सूट करता है या आपकी जरुरत का है। अगर आप अपने कैमरे से ली गई फोटो को इंस्टाग्राम, फेसबुक या ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करना चाहते हैं तो आपके लिए JPEG फॉर्मेट ज्यादा बेहतर रहेगा। इसकी छोटी साइट और फोटोग्राफी के लिए ऑप्टीमाइज फीचर किसी भी फॉमेट को स्पोर्ट करता है।
अगर आप किसी स्क्रीनशॉट को बाद में इस्तेमाल करने के लिए रखते हैं तो PNG फॉर्मेट ज्यादा बेहतर रहेगा। हालांकि PNG फॉर्मेट की साइज JPEG फॉर्मेट से ज्यादा होगी लेकिन आपको क्वालिटी के घटने का डर नहीं होगा। आप फोटो को जितनी बार भी सेव करेंगे फोटो की क्वालिटी बरकरार रहेगी। ऐसे में वेब ग्राफिक्स जैसे Logo या पोस्टर्स डिजाइन के लिए PNG फॉर्मेट बेहतर रहेगा।
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