Move to Jagran APP

भारत में TikTok Ban: मुश्किल में चीन की ‘ByteDance’ कंपनी, Indian Apps के लिए मौका

29 जून को भारत सरकार ने 58 अन्य ऐप के साथ टिकटॉक को भी बैन कर दिया। नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय साइबरस्पेस की संप्रुभता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया है।

By Harshit HarshEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:11 AM (IST)
भारत में TikTok Ban: मुश्किल में चीन की ‘ByteDance’ कंपनी, Indian Apps के लिए मौका
भारत में TikTok Ban: मुश्किल में चीन की ‘ByteDance’ कंपनी, Indian Apps के लिए मौका

Pratyush Ranjan. टिकटॉक चीन की एक वीडियो-शेयरिंग सोशल नेटवर्किंग सर्विस है। टिकटॉक का मालिकाना हक बाइटडांस कंपनी के पास है। इस कंपनी की स्थापना 2012 में झांग यीमिंग ने की थी। टिकटॉक पर शॉर्ट डांस क्लिप, लिप सिंक, कॉमेडी और अलग-अलग टैलेंट के वीडियो बनाए जाते हैं। 29 जून को भारत सरकार ने 58 अन्य ऐप के साथ टिकटॉक को भी बैन कर दिया। नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय साइबरस्पेस की संप्रुभता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया है।

loksabha election banner

सरकार की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, ‘सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69A के तहत प्रदत्त अधिकार और सूचना प्रौद्योगिकी (जनता तक सूचना की पहुंच रोकने की प्रक्रिया और रक्षोपाय) नियम, 2009 के प्रासंगिक प्रावधानों का इस्तेमाल कर खतरे की आकस्मिक प्रकृति को देखते हुए 59 ऐप्स को ब्लॉक करने का फैसला किया है। ऐसी सूचनाएं आईं कि ये ऐप्स ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो भारत की संप्रुभता और अंखडता, भारत की सामरिक रक्षा, भारत की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं।

क्यों लगा बैन?

सरकार के मुताबिक, कई स्रोतों और रिपोर्ट्स से कुछ मोबाइल ऐप्स के दुरुपयोग को लेकर कई शिकायतें मिली थीं। इनके मुताबिक एंड्रॉइड और iOS प्लेटफॉर्म पर मौजूद ये ऐप अनधिकृत तरीके से यूजर्स का डाटा चुरा रहे हैं और उन्हें चोरी-चोरी ऐसे सर्वरों को भेज रहे हैं जिनकी लोकेशन भारत से बाहर है।

सरकार ने कहा, ‘इन डाटा का संकलन, इनकी माइनिंग और प्रोफाइलिंग राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की सामरिक रक्षा के लिए सही नहीं थे। इसे भारत की संप्रभुता और अखंडता प्रभावित हो रही थी। यह गंभीर चिंता का विषय था और इस पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत थी।’

सरकार ने आगे कहा कि कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN) को भी नागरिकों की तरफ से इस संबंध में शिकायतेंमिली थीं। इन शिकायतों में डाटा की सुरक्षा और निजता के हनन और सार्वजनिक व्यवस्था पर इसके पड़ रहे असर के मुद्दे उठाए गए थे। इन सभी विश्वसनीय इनपुट के आधार पर देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बने ऐसे ऐप का इस्तेमाल भारत ने 29 जून को रोक दिया।

यूजर के लिए बैन का क्या मतलब है?

भारत में टिकटॉक पर लगे बैन का असर तकरीबन देश के हर 3 में एक स्मार्टफोन यूजर पर पढ़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, टिकटॉक, क्लब फैक्ट्री, यूसी ब्राउजर और अन्य बैन किए गए 55 ऐप्स के मई 2020 में 500 मिलियन से अधिक एक्टिव यूजर थे। इन 59 ऐप्स में से 25 से अधिक ऐप्स इस साल अप्रैल और मई में भारत में टॉप 1,000 एंड्रॉइड ऐप्स में शामिल थे।

टिकटॉक का बड़ा नुकसान

चीन के साथ सीमा पर हालिया टकराव में देश के 20 जवानों के शहीद होने के बाद भारत सरकार का यह फैसला सबसे अधिक टिकटॉक पर भारी पड़ा है। एनालिटिक्स फर्म सेंसर टावर के मुताबिक, नए टिकटॉक के डाउनलोड भारत में सर्वाधिक थे। 2017 में लॉन्च होने के बाद चीन के इस वीडियो ऐप को करीब 660 मिलियन बार इंस्टॉल किया गया था। ऐसे में वर्तमान हालत में भारत में इस ऐप का काफी नुकसान होना तय है।

सेंसर टावर के मुताबिक, बैन की वजह से टिकटॉक को भारत में 100 से 150 मिलियन फर्स्ट टाइम इंस्टॉल गंवाना पड़ सकता है। चीन और भारत के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव की वजह से ये मामला लंबा भी खिंच सकता है।

जून में टिकटॉक भारत में प्ले स्टोर पर टॉप पोजिशन पर था। लेकिन सरकार के बैन के फैसला लेते ही इसे गूगल प्ले स्टोर और iOS ऐप स्टोर से हटा दिया गया। बाद में ऐप 199वीं रैंकिंग पर पहुंच गया और जल्द ही ये भारत के टॉप 200 मोबाइल ऐप्स से भी बाहर हो गया है।

चीन के मालिकों पर असर

भारत डिजिटल क्रांति की प्रक्रिया से गुजर रहा है। अभी करीब आधे भारतीय उपभोक्ता ऑनलाइन आने बाकी हैं। बाइटडांस के लिए भारत के इंटरनेट बूम का फायदा उठाने का ये सुनहरा मौका था। चीन के ग्लोबल टाइम्स के एक ट्वीट के मुताबिक, भारत में टिकटॉक बैन होने से बाइटडांस को 6 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस लिस्ट में 58 दूसरे ऐप्स भी शामिल हैं जिनकी पैरंट कंपनियों को भारत के बढ़ते डिजिटल एडवरटाइजिंग मार्केट में से अपने हिस्से का नुकसान उठाना पड़ेगा। एडवरटाइजिंग मीडिया कंपनी GroupM के मुताबिक, भारत का डिजिटल एडवरटाइजिंग मार्केट 2020 में 26 फीसदी विकास दर हासिल कर 3.7 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद होने के बाद बैन होने से पहले तक बाइटडांस का टिकटॉक भारत में 50 फीसदी (साल दर साल) की रफ्तार से बढ़ रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक, बाइटडांस ने इस साल भारत से 1 अरब डॉलर से अधिक एडवरटाइजिंग रेवेन्यू का लक्ष्य बनाया था। 2019 के अंतिम तीन महीने में कंपनी ने 280 मिलियन डॉलर का आंकड़ा हासिल भी किया था।

रेवेन्यू का बड़ा नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक टिकटॉक ने अक्टूबर-दिसंबर क्वाटर में अकेले भारत से 23-25 करोड़ का रेवेन्यू कमाया था। तकरीबन इसके रेवेन्यू 10 फीसदी हिस्सा भारत से आता था। भारत ने टिकटॉक का एडवरटाइजिंग रेवेन्यू एक साल में 50 फीसदी बढ़ा था। हालांकि कंपनी अभी भारत के 17000 करोड़ रुपये के डिजिटल एडवरटाइजिंग मार्केट में बड़ा हिस्सा लेने की फिराक में थी।

1. प्रति दिन का रेवेन्यू: अप्रैल 2019 में टिकटॉक को पोर्नोग्राफिक कंटेंट फैलाने के लिए दो हफ्तों के लिए बैन किया गया था। तब टिकटॉक ने एक बयान में कहा था कि उसे 5 लाख डॉलर रेवेन्यू का नुकसान रोजाना हुआ। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि तब केवल टिकटॉक बैन हुआ था, हलो ऐप नहीं। हलो पर टिकटॉक के आधे के करीब एक्टिव यूजर्स हैं।

2. बैन के बाद प्रति साल का रेवेन्यू नुकसान: इसी तरह 2020 के मार्केट कैपिटलाइजेशन के मुताबिक बाइटडांस को अपने भारतीय यूजर बेस से ब्रांड रेवेन्यू के रूप में 1800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अगर इसमें एडवरटाइजिंग रेवेन्यू जोड़ दिया जाए (जो इसके रेवेन्यू मॉडल का अनुमानित तौर पर 90 फीसदी तक का हिस्सा है।) तो बाइटडांस भारत से निकलने के बाद हर साल कम से कम 18000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाएगी।

3. नुकसान और भी हैं: कई रिपोर्ट्स में ऐसा बताया गया है कि बाइटडांस 2020 में कभी भी अपना आईपीओ लाने की तैयारी में थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस तैयारी में ब्रेक लगा था। फरवरी 2020 की एक इंवेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक, बाइटडांस का वैल्युएशन 78 अरब डॉलर का है जो 59000 करोड़ रुपये के करीब है। एक तिहाई यूजर बेस चले जाने से इसके एडवरटाइजिंग मॉडल को काफी नुकसान पहुंचा है। केवल वैल्युएशन की बात करें तो इस एक झटके से कंपनी को कम से कम 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

टिकटॉक बनाम अन्य

2020 के पहले क्वाटर में दुनियाभर में ऐप डाउनलोड 33.6 अरब तक पहुंच गया। साल दर साल इसमें 20.3 फीसदी की बढ़त हुई। 25.4 फीसदी बढ़त के साथ ऐप स्टोर इंस्टॉल 9.3 अरब पर पहुंचा है जबकि गूगल प्ले 18.4 फीसदी बढ़त हासिल कर 24.3 अरब तक पहुंचा। ये दोनों प्लेटफॉर्म के लिए सर्वोच्च है।

ऐप स्टोर और गूगल प्ले पर 315 मिलियन इंस्टॉल के साथ टिकटॉक किसी एक क्वाटर में सबसे अधिक डाउनलोड होने वाला ऐप है। 2016 में अपनी लॉन्चिंग क्वाटर में Pokémon GO भी इतना डाउनलोड नहीं हो पाया था। पहले ये रिकॉर्ड Pokémon GO के पास था। उस क्वाटर में Pokémon GO करीब 308 मिलियन इंस्टॉल हुआ था जो 2018 के चौथे क्वाटर में उसके दूसरे सबसे बेहतर प्रदर्शन से 50 फीसदी अधिक है।

2020 के पहले क्वाटर में ऐप स्टोर पर टिकटॉक के 67 मिलियन डाउनलोड हुए। ऐप स्टोर पर किसी क्वाटर का यह भी एक रिकॉर्ड ही है। किसी क्वाटर में ऐसा दूसरा कोई नॉन गेम ऐप नहीं है जिसने 50 मिलियन इंस्टॉल के आंकड़े को पार किया हो। साल दर साल के हिसाब से अमेरिका और ब्राजील में 2020 के पहले क्वाटर में डाउनलोड ग्रोथ ज्यादा तेज देखी गई। इन देशों के लिए ये क्रमशः17.6 फीसदी और 27.1 फीसदी थी। तुलनात्मक रूप से देखें तो भारत के लिए ग्रोथ की यह दर 8.4 फीसदी था।

मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट की फाइलिंग्स के मुताबिक वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक ने वित्तीय वर्ष 2019 में 43.7 करोड़ का कुल रेवेन्यू हासिल किया। इस वित्तीय वर्ष के लिए टिकटॉक का मुनाफा 3.4 करोड़ रुपये (4 लाख 79 हजार डॉलर) रहा। कुल रेवेन्यू का करीब 5 फीसदी यानी करीब 2.16 करोड़ रुपये एडवरटाइजिंग सेल्स के जरिए आए। बाकी का 95 फीसदी वित्तीय वर्ष 2019 में टिकटॉक सिंगापुर से कलेक्ट किए गए सर्विस फीस के रूप में थे।

गूगल प्ले पर डाउनलोड के मामले में देखें तो भारत में 2019 के पहले क्वाटर में 4.70 अरब डाउनलोड की तुलना में 2020 के पहले क्वाटर में 5.07 अरब डाउनलोड हुए। इसमें 8 फीसदी की बढ़त देखी गई (एक जनवरी से 31 मार्च 2020 तक)।  वैश्विक बाजार में ओवरऑल डाउनलोड (गूगल प्ले और ऐप स्टोर) के मामले में भारत टॉप पर रहा। 2020 के पहले क्वाटर में इसमें 8.4 फीसदी ग्रोथ रहा।

भारत के टिकटॉक क्रिएटर्स के लिए आगे क्या?

टिकटॉक ने 2019 में काफी तेज ग्रोथ देखी। 2019 में भारत में इसे 277.6 मिलियन बार डाउनलोड किया गया। भारत में टिकटॉक के 119 मिलियन से अधिक एक्टिव यूजर थे। इनमें से 90 फीसदी यूजर एक दिन में ऐप पर कई दफा लौटने वाले हैं। SimilarWeb ने अपनी फ्री वीडियो प्लेयर्स/एडिटर्स लिस्ट में टिकटॉक लाइट को छठे नंबर पर रखा था।

इस दौरान कुछ लोगों ने इंफ्लूएंसर कंटेंट के रातों रात खत्म होने और बैन की वजह से यूजर की स्वतंत्रता प्रतिबंधित होने को लेकर चिंता जाहिर की थी। फिलहाल टिकटॉक भारत में 200 मिलियन यूजर होने का दावा करता है। इसमें 120 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर हैं। SensorTower के मुताबिक, सितंबर 2018 में टिकटॉक डाउनलोड का 44 फीसदी हिस्सा भारत से आया था।

अब अचानक बैन से कई एंफ्लूएंसर परेशान हैं। बॉलीवुड के पुराने डांस स्टाइल की वजह से फेमस हुए ऐसे ही एक टिकटॉक क्रिएटर ने कहा कि उसे इस प्लेटफॉर्म पर सफल होने के लिए 18 महीने से अधिक समय तक मेहनत करनी पड़ी।

भारतीय इकोसिस्टम के लिए मौका

देश में कई भारतीय शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ ये हैं:

Mitron (मित्रों): शुरुआती विवादों के बाद भारत में एक करोड़ से अधिक यूजर मित्रों को डाउनलोड कर चुके हैं।

Bolo Indya (बोलो इंडिया, एंड्रॉइड): Bolo Indya के फिलहाल एक लाख से अधिक डाउनलोड हैं। ये ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है लेकिन एपल ऐप स्टोर पर नहीं।

Roposo (रोपसो): यह भारतीय शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है जो हाल के दिनों में काफी यूजर बंटोरने में सफल रहा है। प्ले स्टोर पर 5 करोड़ से अधिक यूजर्स ने इसे डाउनलोड कर रखा है।

Chingari (चिंगारी): चिंगारी ऐप 100 फीसदी भारतीय होने का दावा करता है। गूगल प्ले स्टोर पर इसे 10 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है।

Zee5 (जी5): जी5 ने जुलाई में टिकटॉक के देसी प्रतिद्वंद्वी को लॉन्च करने की घोषणा की है।

कुछ क्रिएटर्स इंस्टाग्राम और यूट्यूब की तरफ भी शिफ्ट हो रहे हैं। हालांकि इन प्लेटफॉर्म्स पर उनके फॉलोवर्स टिकटॉक जितनी संख्या में नहीं हैं। टिकटॉक के विविध यूजर बेस ने कई ब्रांड्स जैसे परिधानों के ब्रांड जारा, पर्सनल केयर प्रोडक्ट सेलर क्लीन एंड क्लियर, स्पोर्टवियर ब्रांड प्यूमा और बिवरेज मेकर्स जैसे पेप्सी इत्यादि का ध्यान अपनी ओर खींचा। इन ब्रांड्स ने टिकटॉक पर कंटेंट क्रिएटर्स के साथ मिलकर डिजिटल एडवरटाइजिंग किया। कई क्रिएटर्स ने ये माना कि टिकटॉक पर उनकी रीच का कोई विकल्प नहीं है। हालांकि एक दूसरी थिअरी यह भी कहती है कि भारत में टिकटॉक का 42 फीसदी यूजर बेस 16 से 24 साल के बीच का है जो बड़ी खरीदारियों को लेकर फैसले नहीं लेता।

टिकटॉक ने सभी को क्रिएटर बना दिया था और यूजर्स को अपने पैशन व क्रिएटिविटी को वीडियो के जरिए सामने लाने का मौका दिया। एलएसी पर डी-एस्केलेशन के दौरान चीन की सेना ने यथास्थिति बदनले की कोशिश की जिससे हिंसक झड़प हुईं। इससे भारत में एंटी चीन सेंटिमेंट भड़का है। इसी क्रम में सरकार ने 59 ऐप्स को बैन भी किया है। ये सबकुछ चीन के निवेशकों और कारोबारियों के लिए बड़ा झटका है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.