हजारों एंड्रॉइड ऐप्स में मिला खतरनाक backdoor मालवेयर, बिना परमीशन जानकारी होती है हैक
एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि हजारों एंड्रॉइड ऐप्स में backdoor नाम का मालवेयर पाया जा रहा है। फोटो साभार JNM
नई दिल्ली, टेक डेस्क। एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर कई ऐसी ऐप्स मौजूद हैं जो यूजर्स की डिवाइस और उनकी निजी जानकारियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं। अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि हजारों एंड्रॉइड ऐप्स में backdoor नाम का मालवेयर पाया जा रहा है। यह यूजर्स की अनुमति के बिना ही उनके फोन को एक्सेस कर लेता है।
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी, न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी और हेल्महोल्ट्ज सेंटर फॉर इनफॉरमेशन सिक्यॉरिटी (CISPA) की एक रिसर्च में यह बात सामने आई है। इस रिसर्च में बताया गया है कि कुछ ही दिन पहले InputScope नाम का एक टूल डेवलप किया गया था। इस टूल ने 1.5 लाख ऐप्स की जांचा था। इसमें से 1 लाख ऐप गूगल प्ले स्टोर, 30 हजार सैमसंग फोन में प्री-इंस्टॉल और 20 हजार ऐप्स चाइनीज कंपनी Baidu के थे। अब इन 1.5 लाख ऐप्स में 12,706 ऐप्स ऐसी थीं जिनमें backdoor नाम का मालवेयर मौजूद था। वहीं, 4,028 ऐप्स ऐसी थीं जिसमें ब्लैकलिस्टेड वर्ड्स शामिल थे। स्टडी में पाया गया है कि यह मालवेयर उन ऐप्स में ज्यादा पाया जाता है जो स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल्ड होती हैं।
यूजर्स की जानकारी हो सकती है हैक: ये ऐप्स यूजर्स के निजी डाटा का एक्सेस हैकर्स को दे देते हैं। इसमें रिमोट लॉगइन, पासवर्ड, कॉन्टैक्ट डिटेल और पेमेंट इंटरफेस शामिल है। यह जानकारी यूजर्स की अनुमति के बिना ही हैकर्स तक पहुंच जाती हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक, backdoor मालवेयर में सीक्रेट एक्सेस कीज, मास्टर पासवर्ड और सीक्रेट प्रिविलेज कमांड्स आदि जैसी जानकारियां शामिल होती हैं। इसके अलावा अगर ब्लैकलिस्टेड वर्ड्स की बात करें तो इसमें सेंसरशिप कीवर्ड्स, साइबर बुलिंग एक्सप्रेशन और वीक पासवर्ड जैसे शामिल होते हैं।
रिसर्चर्स के मुताबिक, अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो backdoor मालवेयर सबसे ज्यादचा प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स में मिली जो की 16 फीसद हैं। वहीं, 6.8 फीसद ऐप्स गूगल प्ले ऐप्स में और 5.3 फीसद Baidu ऐप्स में मिली। अगर ब्लैकलिस्टिंग की बात की जाए तो यह मामला सबसे ज्यादा Baidu ऐप्स में सामने आया जो 4.5 फीसद है। वहीं, 3.9 फीसद प्री-इंस्टॉल ऐप्स और 2 फीसद गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है।