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Google Meet में जुड़ा AI बेस्ड न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर, जानिए कैसे करेगा काम

Google का नया न्वाइज कैंसिलेशन फीचर आर्टिफिशियल इंटेलजेंस (AI) बेस्ड होगा जो न्वॉइज और वॉयस के बीच के अंतर को मशीन लर्निंग की मदद से समझ सकेगा।

By Harshit HarshEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 09:39 AM (IST)
Google Meet में जुड़ा AI बेस्ड न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर, जानिए कैसे करेगा काम
Google Meet में जुड़ा AI बेस्ड न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर, जानिए कैसे करेगा काम

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google ने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग  ऐप Google Meet में न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर देने की शुरूआत कर दी है। Google ने पिछले माह Google Meet में चार नए फीचर्स देने का ऐलान किया था। इनमें से सबसे खास AI बेस्ड न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर था। VentureBeat की रिपोर्ट के मुताबिक, अब Google ने Google Meet में न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर को रोलआउट करना शुरू कर दी है। इस फीचर्स को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। ऐसे में शुरुआती तौर पर यह नया फीचर G सूइट और एजूकेशन कस्टमर के लिए होगा।

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फिलहाल Google Meet में न्वॉइज कैंसिलेशन की सुविधा वेब वर्जन के लिएहोगी, जिसे बाद में एंड्राइड और iOS ऐप में लागू किया जाएगा। G-Suite के प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर Serge Lachapelle ने VentureBeat पर न्वॉइज कैंसिलेशन का लाइव वीडियो डेमो दिया है और बताया कि यह कितना पावरफुल टूल साबित हो सकता है।यह नया टूल Google Meet पर वीडियो कॉन्फेंसिंग के दौरान बैकग्राउंड की सारी न्वॉइज को कैंसिल कर देगा। मतलब इसमें यूजर को कुछ नहीं करना होगा, सारा काम मशीन लर्निंग और AI बेस्ड होगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर ऑफिस की मीटिंग के दौरान कोई पड़ोसी गाना बजा देता है या फिर आपके पालतू कुक्ते भैंकने लगते हैं, तो उनकी आवाज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नहीं जाएगी।

यह फीचर वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा Google Meet में एक अन्य फीचर  Meeting Truned Off रोलआउट किया गया। जिसमें आप Google Meet की सेटिंग में जाकर मीटिंग से ऑटोमेटिकली निकल सकेंगे। Google का नया न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर आर्टिफिशियल इंटेलजेंस (AI) बेस्ड होगा, जो न्वॉइज और वॉयस के अंतर को बीच को मशीन लर्निंग की मदद से समझ सकेगा और अपने मुताबिक न्वॉइज को फिल्टर कर देगा। यह पूरा प्रॉसेस इतना फास्ट होगा कि ऑनगोइंग कॉल के दौरान ही वॉयस को गूगल मशीन लर्निंग डाटा सेंटर पहुंचाया जाएगा, जहां पूरी वॉयस की प्रोसेसिंग का काम होगा और फिर उसमें से न्वॉइज को अलग कर दिया जाएगा।

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(Written By- Saurabh Verma)


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