आत्मनिर्भर भारत: Jio के बाद Airtel भी लॉन्च करने वाला है अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप
Bharti Airtel अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom Microsoft Team Google Meet जैसे वीडियो कॉलिंग ऐप को चुनौती देगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए भारतीय कंपनियों ने कमर कस ली है। पिछले सप्ताह Reliance Jio ने अपने स्वदेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Jio Meet को लॉन्च किया है। इसके बाद एक और टेलिकॉम कंपनी Bharti Airtel भी अपने स्वदेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंह ऐप को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी का यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom, Microsoft Team, Google Meet जैसे वीडियो कॉलिंग ऐप्स को चुनौती देंगे। हाल ही में लॉन्च हुए स्वदेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Jio Meet का इस्तेमाल करने के बाद नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने Jio Meet को Zoom वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप से बेहतर बताया है।
Tried JioMeet video-conferencing. It’s easy & simple! Better than Zoom. Meetings are encrypted & password protected. Unlimited high definition calls. All data in India. Emerges as a major technological disruptor from India. Will go places in these challenging times.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) July 4, 2020
Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, Airtel अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप को पहले स्टार्ट-अप्स और एंटरप्राइजेज के लिए रोल आउट करेगा। इसके रिस्पांस के बाद की कंपनी अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप को आम यूजर्स के लिए रोल आउट करेगी। Airtel के प्रतिद्वंदी कंपनी Jio का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप फ्री टू यूज है, यानी कि इसके इस्तेमाल के लिए यूजर्स को कोई सब्सक्रिप्शन फी नहीं देनी पड़ती है। इस ऐप के जरिए एक साथ 100 लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है। साथ ही, इसमें Zoom की तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कोई टाइम लिमिट नहीं है।
अगर, Airtel का वीडियो कॉलिंग ऐप लॉन्च होता है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को और भी सुदृढ़ करेगा। आपको बता दें कि पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने TikTok, Helo समेत 59 ऐप्स को भारत में बैन कर दिया। इन ऐप्स के जरिए यूजर डाटा प्राइवेसी का उल्लंघन किया जा रहा था। भारतीय कंपनियां अगर अपने यूटिलिटी ऐप्स लॉन्च करती हैं तो इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ-साथ यूजर डाटा प्राइवेसी की भी रक्षा हो सकेगी। भारतीय कंपनियों के इन ऐप्स के सर्वर भारत में ही रहेंगे और उनके भारत से बाहर स्टोर होने का खतरा नहीं रहेगा।