Vastu Tips: घर में कहां होना चाहिए बेडरूम, मेहमानों को भी ठहराने के हैं खास वास्तु टिप्स
Vastu Tips अगर बेडरूम की दिशा और वास्तु सही नहीं हो तो वहां पर निर्मित नकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन पर विपरीत प्रभाव डालती है।
Vastu Tips: हमारे जीवन का सबसे ज्यादा समय कहां बीतता है? अगर आप प्रोफेशनल हैं तो ऑफिस में? जी हां, अब हम पूछे कि घर में जितना वक्त बीतता है, उसमें सबसे ज्यादा किस हिस्से में वक्त गुजरता है? जवाब बेहद आसाना है। बैडरूम में। तो अब बैड रूम का तरतीब से जमा होना भी लाजमी है। सिर्फ सजावट के लिए नहीं, कुछ वास्तु एहतिहात का ध्यान रखते हुए भी।
वास्तुकार संजय कुड़ी के मुताबिक, अगर बेडरूम की दिशा और वास्तु सही नहीं हो, तो वहां पर निर्मित नकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन पर विपरीत प्रभाव डालती है। एक सामान्य घर में दो से तीन बेडरूम बनाए जाते हैं। वास्तु शास्त्र में परिवार के मुखिया सहित घर के अन्य सदस्यों के बेडरूम के निर्माण के लिए दिशाएं निर्धारित हैं। तो आइए जानते हैं बेडरूम निर्माण की दिशाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स-
घर के मुखिया का बेडरूम
वास्तु में दक्षिण-पश्चिम यानि कि नैऋत्य दिशा का सम्बन्ध पृथ्वी तत्व से होने के चलते इसे स्थिरता की दिशा माना जाता है, इसलिए यह दिशा घर के मुखिया के बेडरूम के लिए सबसे अनुकूल है। अगर यह संभव न हो तो ठीक दक्षिण दिशा में बना बेडरूम भी सेहत और जीवन में स्थिरता लाने के लिए उपयुक्त है। लेकिन परिवार का प्रमुख व्यक्ति अगर उत्तर-पूर्व यानी कि ईशान कोण में बने बेडरूम में रहता हो तो यह उसके स्वास्थ्य के साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर करेगा।
बच्चों का बेडरूम
अगर आप बच्चों के लिए भी बेडरूम बनाना चाहते हैं तो वास्तु के अनुसार, पश्चिम दिशा सबसे लाभकारी होगी। इस दिशा में सोने व पढ़ने पर बच्चों के द्वारा की गई मेहनत का अच्छा परिणाम मिलता है और वह बेकार नहीं जाती है।
नवविवाहितों के लिए बेडरूम
उत्तरी वायव्य में बना बेडरूम नए शादीशुदा जोड़ों के वैवाहिक जीवन को अनुकूलता देता है। अग्नि तत्व की दिशा होने की वजह से दक्षिण-पूर्व में स्थित बेडरूम दाम्पत्य जीवन में तनाव उत्पन्न करता है, इसलिए शादीशुदा लोग इस दिशा में बने बेडरूम का उपयोग करने से बचें, तो बेहतर होगा।
मेहमानों के लिए बेडरूम
उत्तर-पश्चिम दिशा गेस्ट बेडरूम बनाने के लिए सर्वोत्तम मानी गई है क्योंकि वायु तत्व की दिशा होने के कारण इस जगह पर सोने वाले लोग ज्यादा समय घर में नहीं ठहरते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में अतिथि कक्ष का निर्माण न किया जाए क्योंकि यह स्थायित्व की दिशा है।