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Vastu Tips For Medicines: दवाइयों से जुड़े ये वास्तु टिप्स आ सकते हैं आपके काम, कहां नहीं रखनी चाहिएं दवाइयां

Vastu Tips For Medicines वास्तु शास्त्र के कुछ बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांतों को भी ध्यान में रखना चाहिए। वास्तु के अंतर्गत दवाइयों को रखने का स्थान भी आपके स्वास्थ्य पर असर डालता है। जानते हैं दवाइयों को लेकर वास्तु के सिद्धांत क्या कहते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 12:30 PM (IST)
Vastu Tips For Medicines: दवाइयों से जुड़े ये वास्तु टिप्स आ सकते हैं आपके काम, कहां नहीं रखनी चाहिएं दवाइयां
दवाइयों से जुड़े ये वास्तु टिप्स आ सकते हैं आपके काम, कहां नहीं रखनी चाहिएं दवाइयां

Vastu Tips For Medicines: एक बहुत पुरानी कहावत है, ‘पहला सुख निरोगी काया।’ जीवन का आनंद लेने के लिए शरीर का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। पर्यावरण प्रदुषण हो, लोगो की निरंतर शारीरिक श्रम में होती कमी हो या फिर लापरवाही, एक सामान्य व्यक्ति के लिए वर्तमान समय में स्वस्थ रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में हमें नियमित व्यायाम, सेहतमंद भोजन को तो दिनचर्या का हिस्सा बनाना ही चाहिए, लेकिन साथ ही में वास्तु शास्त्र के कुछ बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांतों को भी ध्यान में रखना चाहिए। वास्तु के अंतर्गत दवाइयों को रखने का स्थान भी आपके स्वास्थ्य पर असर डालता है। वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं, दवाइयों को लेकर वास्तु के सिद्धांत क्या कहते हैं।

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दवाइयों को रखने के लिए दिशा:

वास्तु शास्त्र में घर को 16 जोन्स के अंदर विभाजित किया जाता है। इनमे से एक जोन उत्तरी-ईशान स्वास्थ्य और आरोग्य से सम्बंधित होता है| ऐसे में दवाइयों को रखने के लिए यह वास्तु जोन एक अच्छा विकल्प है। दवाइयों को यहां पर रखना स्वास्थ्य के सम्बन्ध में आपको बेहतर परिणाम देगा और रोगों से जल्द मुक्ति दिलाएगा। इसके अलावा उत्तर दिशा और उत्तर-पूर्व में भी दवाइयों को रखा जा सकता है।

घर में कुछ ऐसे स्थान भी होते है जहां पर दवाइयों को रखने पर नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है। दक्षिण-पूर्व और दक्षिण दिशा ऐसी ही कुछ दिशाएं है जहाँ पर दवाइयों को रखने से बचना चाहिए। अगर आपने उत्तरी-वायव्य में दवाइयां रख रखी है तो दवाइयों का प्रभाव कम होगा और आपको ठीक होने में कुछ अधिक समय लग सकता है| दक्षिण-नैऋत्य भी दवाइयों के रखने के लिए एक नकारात्मक दिशा है।

ध्यान में रखने योग्य बातें:

एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक है जो कि इस प्रकार है-

  • उत्तर-पूर्व जोन में टॉयलेट नहीं बनाएं। यहां पर बना टॉयलेट न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकता है। इसका नकारात्मक असर मुख्यतः घर के मुखिया पर पड़ता है।
  • उतरी-ईशान जोन को साफ़ एवं स्वच्छ रखना आवश्यक है। यहाँ पर स्थित गन्दगी या कचरा आपके स्वास्थ्य और रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
  • किचन का निर्माण महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर डालता है। जहां दक्षिण-पूर्व में बनी किचन महिलाओं को सेहतमंद रखती है वही उत्तर-पूर्व में बनी किचन बीमारी का कारण बन सकती है।
  • घर में और विशेष तौर पर बेडरूम में बहुत अधिक गहरे रंगों का प्रयोग करने से बचें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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