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Best Direction For Wall Clock: स्टडी रूम और ड्रॉइंग रूम में इन दिशाओं में लगाएं घड़ी, बनी रहेगी सुख शांति

Best Direction For Wall Clock घर में हर चीज का ठीक जगह पर होना बेहद जरूरी होता है। घर का किचन बेडरूम मंदिर सीढ़ियां आदि सही दिशा में होना बेहद जरूरी है। इसी तरह बेडरूम में वॉल क्लॉक यानी घड़ी का सही दिशा में लगा होना उतना ही जरूरी है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:07 AM (IST)
Best Direction For Wall Clock: स्टडी रूम और ड्रॉइंग रूम में इन दिशाओं में लगाएं घड़ी, बनी रहेगी सुख शांति
स्टडी रूम और ड्रॉइंग रूम में इन दिशाओं में लगाएं घड़ी, बनी रहेगी सुख शांति

Best Direction For Wall Clock: वास्तु के मुताबिक घर में हर चीज का ठीक जगह पर होना बेहद जरूरी होता है। घर का किचन, बेडरूम, मंदिर, सीढ़ियां आदि सही दिशा में होना बेहद जरूरी है। इसी तरह बेडरूम में वॉल क्लॉक यानी घड़ी का सही दिशा में लगा होना भी उतना ही जरूरी है। बेडरूम में उत्तर या उत्तरपूर्व दिशा में ही घड़ी लगानी चाहिए। लेकिन यहां पर ज्यादा आवाज करने वाली क्लॉक नहीं लगानी चाहिए। साथ ही अलार्म रहित घड़ी भी नहीं लगाना चाहिए। यही नहीं, हर घंटे चेतावनी देने वाली टेबल क्लॉक बेडरूम में लगाना अच्छा नहीं होता है। इससे नींद में खलल पड़ती है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि घर की किस जगह पर घड़ी लगाना है बेहतर।

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घर में किस जगह किस दिशा में घड़ी लगाना है बेहतर:

सबसे पहले बात करते हैं स्टडी रूम की। यहां पर पूर्व या वायव्य कोण में घड़ी लगाना अच्छा होता है। इससे कार्यरत अध्ययनकर्ता की एकाग्रता बनी रहती है। इससे उनका समय फालतू कामों और दिमागी उलझनों में बर्बाद नहीं होता है।

ड्राइंग रूम की बात करें तो यहां पर उत्तर की ओर दीवार घड़ी लगानी चाहिए। इससे आर्थिक कार्य समय पर बनते रहेंगे। घर में धन की आवक समय पर होगी। ध्यान रहे कि उत्तर की ओर पितर और देवताओं का वास भी होता है। ऐसे में किसी देवी-देवता की फोटो वाली घड़ी दिवार पर लगाई जाए तो ड्राइंग रूम की साज-सज्जा में चार चांद लग जाते हैं। ड्राइंग रूम के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने अगर आप सुंदर और बड़े अक्षरों वाली दीवार घड़ी लगाते हैं तो बेहतर होगा।

ड्राइंग रूम में घड़ी लगाने की तीन अहम दिशा:

घड़ी लगाने के लिए शुभ दिशाओं की बात करें तो पहला अहम स्थान उत्तरपूर्व या ईशान कोण, दूसरा महत्वपूर्ण स्थान या दिशा पूर्व यानी सनराइज एंगल है। वहीं, तीसरा शुभ स्थान वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम है। इन तीनों स्थानों में से सर्वोत्तम स्थान ईशान कोण ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वास्तु देवता के सिरोभाग को स्पर्श करता है। अगर वास्तु देवता का सिरोभाग सही रहेगा तो घर में रहने वाले सदस्यों को भी मानसिक और शारीरिक सुख शांति का आभास होगा। उनके सभी काम समय पर होते रहते हैं। साथ ही किसी भी निरर्थक कार्य पर समय नष्ट नहीं होगा।

ड्राइंग रूम में पूर्व या वायव्य कोण में अगर दीवार घड़ी लगाई जाए तो घर के सदस्यों की शारीरिक और मानसिक ऊर्जा गतिमान रहती है। साथ ही उनके जीवन में नवीनता और गतिशीलता आएगी। पूर्व दिशा में लगाई गई दीवार घड़ी उनको सदैव समय पर जागृत रखेगी और किसी भी आकस्मिक घटना-दुर्घटना के प्रति वे समय रहते सचेत हो जाएंगे। यह भी ध्यान रहे कि जिस दिशा में भी घड़ी लगाई जा रही है वहां या उसके आसपास शेर, भालू, सियार गिद्द, सुअर, घडि़याल, बाघ, चीता या सांप आदि परभक्षी व खतरनाक प्राणियों के चित्र नहीं लगाने चाहिए। इससे समय की धारा विरुद्ध हो जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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