Surya Sankranti 2022: 17 अगस्त को सिंह संक्रांति, इस एक चीज कासेवन करने से बढ़ेगा मान-सम्मान और यश
Surya Sankranti 2022 जब सूर्य राशि परिवर्तन करता है तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसे ही सिंह राशि में प्रवेश करने से सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान-दान का बहुत अधिक महत्व है।
नई दिल्ली, Surya Sankranti 2022: दक्षिण भारत में सिंह संक्रांति का पर्व का अधिक महत्व है। संक्रांति के दिन नदी में स्नान करने के साथ सूर्य देवता की पूजा करने से वैभव- धन की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि सिंह संक्रांति पर भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान की पूजा करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर माह सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य के गोचर का 12 राशि के जातकों के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। ऐसे ही सूर्य 17 अगस्त को सुबह 7 बजकर 37 मिनट में कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जहां पर पूरे एक माह 17 सितंबर तक रहेंगे।
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जब सूर्य राशि परिवर्तन करता है, तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसे ही सिंह राशि में प्रवेश करने से सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान-दान का बहुत अधिक महत्व है। इसके साथ ही सूर्य का ये गोचर भाद्रपद मास में होगा। जो चातुर्मास का दूसरा माह कहलाता है। इसलिए इसे घी संक्रांति भी कहा जाता है। क्योंकि इस संक्रांति में घी का अधिक महत्व है।
सूर्य संक्रांति और घी का कनेक्शन
गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। इसी कारण गाय का घी सबसे पवित्र माना जाता है। वहीं सूर्य संक्रांति के दिन स्नान, दान के साथ घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। घी संक्रांति उत्तराखंड का एक प्रमुख लोक पर्व है। इस दिन दूध, दही, फल, सब्जियां आदि एक-दूसरे को बांटना शुभ माना जाता है।
सिंह संक्रांति के दिन घी खाना शुभ
चरक संहिता के अनुसार गाय का शुद्ध घी व्यक्ति की एकाग्रता, स्मरण शक्ति तेज, ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही शरीर से वात-पित्त और दोष के साथ-साथ विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है। इसके साथ ही कुंडली से राहु-केतु का दोष भी कम हो जाता है।
माना जाता है कि भादो मास की सूर्य संक्रांति के दिन गाय के घी का सेवन जरूर करना चाहिए, वरना अगले जन्म में उसे घोंघे रूप में जन्म लेना पड़ता है। क्योंकि घोंघे को आलस्य के रूप में जाना जाता है।
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