हर व्यक्ति जीवन में इस तरह से पा सकता है आध्यात्मिक शक्ति
विज्ञान की तरह अध्यात्म भी कारण और परिणाम के नियम से चलता है। विशेष रूप से पांच बातों-स्वीकारभाव संयम सहयोग नैतिकता और ध्यान को अपने जीवन में उतार कर हम लोग आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। जानिए आध्यात्मिक शक्ति के बारे में
नई दिल्ली, आचार्य श्री स्वामी ध्रुव: अध्यात्म एक सर्वश्रेष्ठ जीवन पद्धति है। किसी भी धर्म से इसका कोई संबंध नहीं है। किसी भी देश, जाति-धर्म के लोग आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं। यहां तक कि अनपढ़ भी इसके रहस्य को समझ सकते हैं। विज्ञान की तरह अध्यात्म भी कारण और परिणाम के नियम से चलता है। विशेष रूप से पांच बातों-स्वीकार भाव, संयम, सहयोग, नैतिकता और ध्यान को अपने जीवन में उतार कर हम लोग आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन पर्यंत और प्रतिपल हम लोग संतुष्ट और शिकायत भाव में जीते हैं। तनाव का यह एक प्रमुख कारण है। धीरे-धीरे हमें संतुष्टि और अहोभाव में जीने की आदत डालनी चाहिए। मानवीय मन हमेशा डर के साये में जीता है। अभी तक हमने जो जीवन जिया है उसका यदि आप विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि सब कुछ ठीक-ठाक था। इस बात को याद रखते हुए यह सोचना चाहिए कि आगे भी सब कुछ ठीक ही रहेगा। अत: हमें सदैव संयम रखना चाहिए, क्योंकि यह हमें शक्ति, समझ और साहस देता है। हम हमेशा सोचते रहते हैं कि दूसरे लोग हमारी सहायता करें, परंतु हम किसी की सहायता नहीं करते हैं। हमें जहां तक हो सके दूसरों की सहायता करनी चाहिए। हृदय से मंगल कामना का भाव भी एक प्रकार का सहयोग ही है।
कहा गया है कि धन गया तो कुछ भी नहीं गया, क्योंकि इसे फिर कमाया जा सकता है। स्वास्थ्य खराब हुआ तो समझिए कुछ नुकसान हुआ, क्योंकि उसको ठीक करने में धन और समय दोनों लगाना पड़ता है। वहीं अगर नैतिकता का ह्रास हुआ तो समझिए सब कुछ गया। इसलिए हमें हमेशा नैतिकवान होना चाहिए। इसके साथ-साथ हमें रोज ध्यान का भी अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए पहले सुखासन यानी किसी भी आसन में शिथिल होकर बैठ जाएं। पहले गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। फिर आराम से बैठ प्राकृतिक रूप से आती-जाती सांसों पर ध्यान को केंद्रित करें।
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