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खुद गलत तो दूसरों को सही रास्‍ते पर चलने की नहीं दे सकते सलाह : ब्रह्मकुमारी शिवानी

अगर आप खुद गलत होंगे, तो किसी दूसरे को सही रास्‍ते पर चलने की सलाह नहीं दे सकते। ध्‍यान रखिए बदलाव तभी होगा जब आप खुद में सुधार करेंगे।

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Wed, 31 May 2017 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 31 May 2017 01:52 PM (IST)
खुद गलत तो दूसरों को सही रास्‍ते पर चलने की नहीं दे सकते सलाह : ब्रह्मकुमारी शिवानी
खुद गलत तो दूसरों को सही रास्‍ते पर चलने की नहीं दे सकते सलाह : ब्रह्मकुमारी शिवानी

स्‍वंय को रखना होगा शांत

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यदि हम खुद कोई गलती करते हैं, तो दूसरों को सही रास्ते पर चलने की सलाह नहीं दे सकते हैं। ठीक इसी तरह यदि हमारा खुद पर नियंत्रण नहीं है, तो हम दूसरों को नियंत्रित नहीं कर सकते या फिर उन्हें नियंत्रित होने की सीख नहीं दे सकते हैं। भारतीय आध्‍यात्‍मिक शिक्षक और इंस्‍पीरेशनल स्‍पीकर ब्रह्मकुमारी शिवानी कहती हैं, यह बात बहुत सीधी-सी है। यदि सामनेवाला गलत रास्ते पर जा रहा है, तो उसे सही राह पर ले जाने के लिए या उसे नियंत्रित करने के लिए स्वयं को शांत करना होगा। अक्सर हम देखते हैं कि यदि कोई बच्चा गलती करता है तो माता-पिता उस पर चिल्लाते हैं। वे बच्चों को डांटते हुए कहते हैं, 'तुमने ऐसा क्यों किया, कितनी बार कहा है कि ऐसा मत करो, लेकिन तुम सुनते ही नहीं हो।' इस तरह वे अपना आपा खो देते हैं, ऐसी स्थिति में आपको शांत रहना सीखना होगा।

एक दिन मेरे पास एक महिला का फोन आया। वह आत्महत्या करना चाहती थी। उसने कहा कि मेरे पति ऑफिस की किसी दूसरी महिला को चाहते हैं। वे उससे शादी करना चाहते हैं। इसलिए मुझे तलाक दे रहे हैं। क्या आपके पास इसका कोई हल है? मैंने उससे कहा कि यह सोचो कि हर चीज सामान्य है।

 

आपके पति को कुछ नहीं हुआ है। महिला बोली, 'सब सामान्य नहीं है, फिर मैं ऐसा कैसे सोचूं?' मैंने कहा कि आप सिर्फ यह कल्पना करें कि सब सामान्य है। तभी आप शांत हो सकेंगी और कुछ कर सकेंगी। महिला ने महीने भर ऐसा ही किया। उसका पति अपनी पत्नी में आए बदलाव को नोटिस कर रहा था कि उसने चिल्लाना-रोना बंद कर दिया है। एक दिन पति ने कहा कि मेरा तबादला अमेरिका हो गया है। मेरी दोस्त का तबादला भी अमेरिका हो गया है। हम दोनों वहां जाकर शादी कर रहे हैं।

 

आत्‍म सम्‍मान है जरूरी
अब महिला को अपने पति को रोकने में कोई रुचि नहीं रह गई थी। उसने कहा कि अब मैं अपना ध्यान स्वयं रख सकती हूं। मैं नौकरी कर सकती हूं। अपने माता-पिता के साथ आराम से रह सकती हूं। इसलिए तुम जा सकते हो। उसका पति चला गया। दो महीने बाद उसने पत्नी को कॉल किया और कहा कि मैंने जो भी तुम्हारे साथ किया, उसके लिए मैं शर्मिंदा हूं। क्या हम दोबारा एक हो सकते हैं? महिला ने हामी भर दी। अब दोनों पति-पत्नी को साथ रहते हुए चार साल हो गए हैं और उनकी प्यारी-सी बेटी भी है।

तब होता है अच्‍छे विचारों का जन्‍म

सामनेवाला यदि नियंत्रण से बाहर है, तो आप उसे संभालने के फेर में अपना आपा न खोएं। खुद को एकदम शांत रखें। शांत रहने पर ही अच्छे विचार जन्म लेते हैं। 


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