Move to Jagran APP

मान्यता है कि इस दिन भाई बहन एक साथ यमुना में स्नान करें तो यमराज उनके निकट नहीं आते

कार्तिक शुक्ल द्वितीया अर्थात यम द्वितीया को भैया दूज के तौर पर मनाने की परंपरा है। यह पर्व आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज के दिन चित्रगुप्त जयंती और यम का भी पूजन किया जाएगा। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार काशी में इसी दिन गोवर्धन पूजा भी मनाई

By Test3 Test3Edited By: Published: Fri, 13 Nov 2015 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2015 12:02 PM (IST)
मान्यता है कि इस दिन भाई बहन एक साथ यमुना में स्नान करें तो यमराज उनके निकट नहीं आते

कार्तिक शुक्ल द्वितीया अर्थात यम द्वितीया को भैया दूज के तौर पर मनाने की परंपरा है। यह पर्व आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज के दिन चित्रगुप्त जयंती और यम का भी पूजन किया जाएगा। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार काशी में इसी दिन गोवर्धन पूजा भी मनाई जाएगी। इस दिन भाई अपनी बहन के घर भोजन करते हैं। लोक मान्यता है कि इस दिन भाई बहन एक साथ यमुना में स्नान करें तो यमराज उनके निकट नहीं आते।

loksabha election banner

पूजा विधि-
व्रती सुबह स्थान करने के बाद अक्षतादि से पहले अष्टदल पर गणेश आदि की स्थापना करें। फिर व्यवसाय, व्यवहार और सभी मनोरथ की सिद्धि, सौभाग्य और भाई के सुख प्राप्ति के लिए पूजन के संकल्प के बाद यमराज को प्रसन्न करने के लिए पूजा करें। इसके बाद फिर गणेश पूजन और फिर यम, यमदूतों और फिर यमुनाजी का पूजन करना चाहिए।

चित्रगुप्त पूजन

इसी दिन चित्रगुप्त पूजन का भी विधान है। चित्रगुप्त को कायस्थ जाति का सृजनकर्ता एवं पूर्व पुरूष माना जाता है। ऋग्वेद के अनुसार चित्रगुप्त संपूर्ण जगत के कर्ता है। वे संपूर्ण ऐश्वर्य के स्वामी हैं। वे रत्न आदि वैभव देते हैं। पौराणिक संदर्भों के अनुसार चित्रगुप्त को ब्रम्हाजी का पुत्र माना जाता है। उनकी काया से उत्पन्न होने के कारण ब्रम्हा ने उन्हें वर्णों में कायस्थ कहा बोले तुम मेरे चित्त में गुप्त थे इसलिए तुम्हारा नाम चित्रगुप्त होगा।। सृष्टि के प्राणियो का लेखा जोखा रखना तुम्हारा कार्य होगा। चित्रगुप्त धर्मराज के दरबार में चले गए और यमराज के कार्यों में सहयोग करते हैं। इसलिए कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज के साथ चित्रगुप्त पूजन का विधान है। इस दिन कलम दावत की पूजा की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.