Surya Grahan Sutak Kal: क्या होता है सूतक काल? जानें10 जून को यह होगा कितना प्रभावी
Surya Grahan Sutak Kal हिन्दू धर्म तथा ज्योतिषशास्त्र में सूर्य ग्रहण तथा इसके साथ लगने वाले सूतक काल के लिए कुछ विशिष्ट प्रवधान हैं। ज्योतिषशास्त्रियों का मत है कि 10 जून को आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
Surya Grahan Sutak Kal: वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को, ज्येष्ठ मास की अमावस्या को लग गया है। हिन्दू धर्म तथा ज्योतिषशास्त्र में सूर्य ग्रहण तथा इसके साथ लगने वाले सूतक काल के लिए कुछ विशिष्ट प्रवधान हैं। हालांकि इस 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक स्वरूप का है, अतः इसका प्रभाव भी आंशिक है। ज्योतिषशास्त्रियों का मत है कि आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। यहां हम सूर्य ग्रहण और इसके सूतक काल के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
क्या होता है सूतक काल
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूतक काल उस समय को कहते हैं जब प्रकृति अत्याधिक संवेदनशील अवस्था में होती है। इस समय काल में अनिष्ट होने की आशंका सर्वाधिक होती है, अतः ज्योतिषाचार्य कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घण्टे तथा चन्द्र ग्रहण के 9 घण्टे पहले सूतक लग जाता है तथा ग्रहण की पूर्ण समाप्ति पर ही समाप्त होता है। सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किये जाने चाहिए। इस काल में तो मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। सूतक में ईश्वर भजन करना ही श्रेयस्कर माना जाता है।
सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल
वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1:45 बजे से शाम के 6:41 बजे तक रहेगा। नियमानुसार सूतक काल सूर्य ग्रहण के 12 घण्टे पहले अर्थात 10 जून की पूर्व रात्रि को 1:45 बजे से प्रारम्भ हो जाएगा एवं शाम को 6:41बजे पर समाप्त होगा। परन्तु जैसा कि ज्योतिषाचार्यों का मत है यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक प्रभाव का है अतः इसका सूतक मान्य नहीं होगा क्योकि ज्योतिष के अनुसार उसी ग्रहण का सूतक मान्य होता है जो क्षेत्र या आस पास में स्पष्ट रूप से दिखाई दे। यह सूर्य ग्रहण भारत में केवल अरूणाचल प्रदेश तथा लद्दाख में आंशिक रूप से दिखाई देगा , अतः इसका सूतक मान्य नहीं होगा। अतः धार्मिक कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।