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Trigrahi Yoga: सूर्य, मंगल और केतु बना रहे हैं त्रिग्रही योग, जानें किन राशियों के लिए है अशुभ

Trigrahi Yoga मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहा है। सूर्य और केतु ग्रह पहले से ही इस राशि में मौजूद हैं। इन तीनों ग्रहों का एक साथ वृश्चिक राशि में होना त्रिग्रही योग का निर्माण कर रहा है।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 04:12 PM (IST)
Trigrahi Yoga: सूर्य, मंगल और केतु बना रहे हैं त्रिग्रही योग, जानें किन राशियों के लिए है अशुभ
Trigrahi Yoga: सूर्य, मंगल और केतु बना रहे हैं त्रिग्रही योग, जानें किन राशियों के लिए है अशुभ

Trigrahi Yoga : साल के आखिरी माह में ग्रहों में होने वाले राशि परिवर्तन भी विशिष्ट संयोग का निर्माण कर रहे हैं। 5 दिसंबर को मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहा है। सूर्य और केतु ग्रह पहले से ही इस राशि में मौजूद हैं। इन तीनों ग्रहों का एक साथ वृश्चिक राशि में होना त्रिग्रही योग का निर्माण कर रहा है। जो कि 16 दिसंबर तक सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने तक बना रहेगा। तीनों ग्रहों का ये त्रिग्रही योग अन्य राशियों और उनके जातकों के लिए अलग-अलग प्रभाव उत्पन्न कर रहा है। आइए जानते हैं इस त्रिग्रही योग से किन राशियों को सावधान रहने की है जरूरत....

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1-मेष राशि –

तीनों ग्रहों का त्रिग्रही योग मेष राशि के जातकों के लिए शुभ संयोग का निर्माण नहीं कर रहा है। इस योग के कारण मेष राशि के जातक कार्यस्थल पर होने वाले षड़यंत्रों का शिकार होना पड़ सकता है। व्यर्थ के झगड़ों में पड़ने से बचें।

2- वृष राशि –

ये त्रिग्रही योग वृष राशि के जातकों के लिए मिलाजुला प्रभाव उत्पन्न कर रहा है। इस राशि के जातकों को जहां इस काल में कारोबार में लाभ होगा वहीं दूसरी ओर वैवाहिक जीवन में दिक्कतों का समाना करना पड़ सकता है। दोनों क्षेत्रों में सांमजस्या बनाने का प्रयास करें।

3- वृश्चिक राशि –

तीनों ग्रहों की युति का ये त्रिग्रही योग वृश्चिक राशि में ही बन रहा है। इस राशि के जातकों के लिए ये संयोग बहुत शुभ नहीं है। इस पूरे माह उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार और प्रापर्टी में सोच समझ कर निवेश करें। नौकरी करने वालों को शुभ समाचार मिल सकते हैं।

4- धनु राशि –

धनु राशि के जातकों के लिए भी ये योग कष्टकारी प्रभाव उत्पन्न कर रहा है। इस योग के कारण आपके स्वाभाव में चिड़चिड़ापन आ सकता है, जो आपसी मन-मुटाव का कराण बन सकता है। सेहत का विशेष ध्यान रखें।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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