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Til Ke Tyohar: माघ माह में मानाए जाते हैं तिल के तीन त्योहार, जानें इनका विधान

Til Ke Tyohar माघ माह में तिल का विशिष्ट महत्व है। माघ माह में तिल से संबंधित तीन त्योहार मानाए जाते हैं। जिनमें तिल के विशेष उपाय करने का विधान है। आइए जानते हैं उन त्योहारों और उनके विधान के बारे में....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 11:42 AM (IST)
Til Ke Tyohar: माघ माह में मानाए जाते हैं तिल के तीन त्योहार, जानें इनका विधान
Til Ke Tyohar: माघ माह में मानाए जाते हैं तिल के तीन त्योहार, जानें इनका विधान

Til Ke Tyohar: हिंदू धर्म में तिल का विशेष महत्व है। मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है, इसलिए इसे मोक्ष दायक माना जाता है। तिल का तर्पण के पूजन में विशेष रूप से प्रयोग होता है। गरूड़ पुराण में तिल और गंगाजल से किए गए तर्पण को मुक्तिदायक कहा गया है। साथ ही माघ माह में तिल का विशिष्ट महत्व है। माघ माह में तिल से पूजन और दान करने से सभी तरह के कष्टों के नाश होता है। इस माह में तिल खाने और पूजन में चढ़ाने के साथ तिल से स्नान करने और हवन करने का भी विधान है। माघ माह में तिल से संबंधित तीन त्योहार मानाए जाते हैं। जिनमें तिल के विशेष उपाय करने का विधान है। आइए जानते हैं उन त्योहारों और उनके विधान के बारे में....

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1-संकष्टी तिल चतुर्थी 

माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथी को संकष्टी तिल चतुर्थी कहा जाता है। इस साल ये व्रत 21 जनवरी को था। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की विशेष पूजा और व्रत का विधान है। पूजा में गणेश जी को तिल के लड्डू और तिल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। तिल चतुर्थी का व्रत माताएं अपनी संतानों के जीवन के संकट को दूर करने के लिए रखती हैं। इसलिए इसे संकटा तिल चौथ या सकट पूजा भी कहा जाता है।

2-षट्तिला एकादशी

माघ माह की पहली एकादशी तिथि को ही षट्तिला एकादशी कहा जाता है। इस साल ये पूजन 28 जनवरी, शुक्रवार के दिन होगा। पद्म पुराण में इस एकादशी पर तिल का 6 तरह से उपयोग करने का विधान है। इनमें तिल का उबटन, तिल से स्नान करने, तिल का नैवेद्य चढ़ाना, तिल खाना, तिल से हवन और तिल का दान किया जाता है। इसलिए इसे षट्तिला एकादशी कहते हैं।

3-तिल द्वादशी

माघ महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस साल तिल द्वादशी का पूजन 29 जनवरी को किया जाएगा। नारद और पद्म पुराण में बताया गया है, इस दिन तिल मिले जल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।साथ ही तिल से बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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