Move to Jagran APP

Swastik Sign: स्वस्तिक बनाते समय इन बातों की न करें अनदेखी, वरना नहीं मिलेंगे अच्छे परिणाम

हिंदू धर्म में स्वस्तिक के चिन्ह को विशेष लाभकारी माना गया है। धार्मिक कार्य के अलावा वास्तु शास्त्र में भी स्वस्तिक का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि सही तरीके से बनाया गया स्वस्तिक का चिन्ह व्यक्ति के घर परिवार में सुख-समृद्धि लेकर आता है। ऐसे में आइए जानते हैं स्वस्तिक को बनाते समय किन बातों का खास ख्याल रखा जाना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Fri, 19 Apr 2024 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 11:07 AM (IST)
Swastik Sign स्वास्तिक बनाते समय न करें ये गलती।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Swastik Sign Benefit: सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य से पहले स्वस्तिक का चिह्न जरूर बनाया जाता है। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इसे घर में बनाने से पॉजिटिविटी बढ़ती है। ऐसे में आपको घर में स्वस्तिक का चिह्न (Swastik Sign importance) बनाते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि आपको इसे शुभ परिणाम प्राप्त हो सके।

loksabha election banner

स्वस्तिक का महत्व

हिंदू धर्म में स्वस्तिक के चिह्न को मंगल चिह्न के रूप में देखा जाता है। इसे घर में बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता और व्यक्ति के सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं। साथ ही यह सौभाग्य को भी आकर्षित करने वाला माना गया है। शास्त्रों में इस चिन्ह को कल्याण करने वाला बताया गया है।  ऋग्वेद की बात करें तो उसमें स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है। स्वस्तिक की चार भुजाएं चार दिशाओं को दर्शाती हैं।

इस दिशा में बनाएं स्वस्तिक

वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक का चिह्न उत्तर-पूर्व, जिसे ईशान कोण कहा जाता है, उसमें बनाना चाहिए। इससे व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। इसके अलावा उत्तर दिशा में भी स्वस्तिक का चिह्न बनाना बेहतर माना जाता है। पूजा स्थान के अलावा आप घर के मुख्य द्वार पर भी साथ स्वस्तिक का चिह्न बना सकते हैं। ऐसा करने से आपको वास्तु संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है और घर में सकारात्मक बनी रहती है।

मिलेगा अधिक लाभ

स्वस्तिक बनाने के लिए हल्दी या सिंदूर का इस्तेमाल करना अधिक लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही शुभ परिणामों के लिए आप घर में अष्टधातु या तांबे से बना स्वस्तिक का चिह्न भी लगा सकते हैं। इससे भी व्यक्ति के धन के रास्ते खुलने लगते हैं।  

इस तरह बनाएं स्वस्तिक

कई लोग स्वस्तिक बनाने के लिए पहले क्रॉस (X) या प्लस (+) का निशान बनाते हैं, लेकिन करना ठीक नहीं माना जाता। स्वस्तिक बनाने के लिए सबसे पहले स्वस्तिक का दायां भाग बनाना चाहिए और इसके बाद बायां भाग बनाना चाहिए। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि स्वस्तिक को कभी भी उल्टा न बनाएं। ऐसा करने से आपको शुभ परिणामों के स्थान पर नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.